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शास्त्री व भाषा अध्यापकों को मिले प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक का दर्जा

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार से शास्त्री व भाषा अध्यापकों को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक का दर्जा देने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 04:02 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 04:02 PM (IST)
शास्त्री व भाषा अध्यापकों को मिले
प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक का दर्जा
शास्त्री व भाषा अध्यापकों को मिले प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक का दर्जा

संवाद सहयोगी, मंडी : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार से शास्त्री व भाषा अध्यापकों को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक का दर्जा देने की मांग की है। संघ के जिला प्रधान अश्वनी गुलेरिया ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में टीजीटी हिदी व संस्कृत का मामला वित्तीय प्रावधानों की वजह से टाला गया है जिसे सरकार तुरंत सिरे चढ़ाने का प्रयास करे।

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उन्होंने कहा कि ये सभी अध्यापक बीएड और उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। वे टीजीटी भर्ती नियमों के समकक्ष नियमों के आधार पर भर्ती हुए हैं। इसलिए सरकार अध्यापकों को राहत दे। वर्ष 2003 या उसके बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली व न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले सभी लाभ जल्द प्रदेश सरकार दे। दिव्यांग होने या आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को केंद्र सरकार की तर्ज पर पेंशन दी जाए।

वहीं, रविवार को मंडी जिला के लगभग चार हजार अध्यापकों ने एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो मुहिम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नई पेंशन स्कीम बंद कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए ट्वीट किए।


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