एसएमसी की जगह और शिक्षक न हों तैनात
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र के स्कूलों में तैनात 2555 एसएमसी शिक्षकों को स्थायी
संवाद सहयोगी, पद्धर : प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र के स्कूलों में तैनात 2555 एसएमसी शिक्षकों को स्थायी नीति में लाकर नियमित किए जाने की मांग के संबंध में मंडी जिला एसएमसी टीचर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जिला उपाध्यक्ष निशा ठाकुर की अगुआई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला।
इस दौरान उन्होंने कमीशन और बैचवाइज आधार पर की जा रही भर्ती एसएमसी पर तैनात अध्यापक की जगह न किए जाने की गुहार लगाई। संघ ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में एसएमसी के तहत तैनात अध्यापक पिछले नौ वर्ष से सेवाएं दे रहे हैं। सभी अध्यापक आरएंडपी नियम के तहत नियुक्त किए गए हैं और टेट पास हैं। प्रदेश के 12 जिलों में शास्त्री के 370, भाषा अध्यापक के 298 और जेबीटी के 47 अध्यापक विभिन्न स्कूलों में एसएमसी के तहत सेवाएं दे रहे हैं।
वर्तमान में शिक्षा विभाग की ओर से भाषा अध्यापक के 625, शास्त्री के 1180 और जेबीटी के 1225 पद भरने की प्रक्रिया बैचवाइज और कमीशन के तहत भरने की प्रक्रिया जारी है, जबकि प्रदेश के स्कूलों में शास्त्री और एलटी अध्यापक के इतने पद खाली नहीं हैं। सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही अध्यापकों की नई नियुक्ति से एसएमसी अध्यापकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा गए हैं।
कुल्लू जिला के एक स्कूल में एसएमसी के माध्यम से कार्यरत भाषा अध्यापक इस तरह नई नियुक्ति से बाहर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एसएमसी के स्थान पर बैचवाइज और कमीशन आधार पर नियुक्ति न किए जाने के आदेश निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को जारी किए जाएं, जिससे पीटीए, पैट और पैरा अध्यापकों की तर्ज पर एसएमसी अध्यापकों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
इस दौरान कांगड़ा जिला संघ के प्रधान विकास, जोगेंद्रनगर ब्लॉक प्रधान रवि कुमार, बेसर सिंह, यादव सिंह, लता देवी, सरिता कुमारी, ऊषा, कमला, ललिता, ओम प्रकाश, विनोद कुमार, संजय, संत राम, बलवीर सिंह और गुमान सिंह सहित 40 से अधिक अध्यापक मौजूद रहे।
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जेसीसी बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार एसएमसी अध्यापकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रही है। शीघ्र ही जेसीसी की बैठक में इन मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने एसएमसी अध्यापकों को उनकी मांग जल्द पूरी किए जाने का भरोसा दिलाया।