सैंज अस्पताल में न चिकित्सक, न ही एंबुलेंस सुविधा
उपमंडल बंजार के सैंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की सेहत रामभरोसे चल रही है।
संवाद सूत्र, सैंज : उपमंडल बंजार के सैंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की सेहत रामभरोसे चल रही है। लगातार चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सैंज अस्पताल में घाटी की 15 पंचायतों के तकरीबन 20 हजार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही है। हालात यह हैं 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद भी अस्पताल में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं। कहने को तो इस अस्पताल को पीएचसी से सीएचसी का दर्जा मिला है लेकिन सीएचसी के लायक स्टाफ की भर्ती नहीं हो पाई है । पिछले माह सैंज घाटी के तमाम लोगों ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सरकार पर नए भवन तथा आपात सेवाएं शुरू करने का दबाव भी बनाया लेकिन स्थिति जस की तस है। विभाग ने सैंज में बने नए भवन में ओपीडी शुरू करके लोगों को शांत कर दिया बेहतर सुविधाएं देने में अभी भी विभाग नाकाम है।
सोमवार को भारी बारिश के बीच अस्पताल पहुंचे लोगों को चिकित्सक न मिलने की स्थिति में निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ा। दूरदराज से आने वाले बीमार लोगों की सुविधा के लिए रखी एंबुलेंस भी शोपीस बनी है। घाटी के केहर ¨सह ने बताया सुबह करीब सात बजे जब अचानक उनकी बहू बीमार हुई तो आपातकालीन नंबर 108 पर सहायता मांगी गई लेकिन जवाब मिला सैंज अस्पताल से आपातकालीन वाहन नहीं आ सकता। उधर घाटी के दूरदराज क्षेत्रों से आए मरीज बिना चेकअप कराए ही लौट गए। मालूम हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज में स्थायी तौर पर नियुक्त एकमात्र चिकित्सक घरेलू कारणों से अवकाश पर है जबकि इसके अतिरिक्त डेपुटेशन पर नियुक्त स्टाफ भारी बारिश के चलते सड़कें अवरुद्ध होने से अस्पताल नहीं पहुंच पाया। अस्पताल में स्टाफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सहारे ही काम चलता रहा।
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आपदा के समय कौन जिम्मेदा
जिला में भारी बारिश ने चारों ओर तबाही मचाई है और सैंज अस्पताल में न तो चिकित्सक और न ही एंबुलेंस उपलब्ध है। ऐसे में यदि कोई प्राकृतिक आपदा यहां आती है तो स्वास्थ्य सेवा के लिए कौन जिम्मेदार होगा। घाटीवासियों का कहना है स्वास्थ्य विभाग घाटी के लोगों के प्रति गंभीर नहीं है।
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सैंज अस्पताल में तैनात चिकित्सकों में से एक अवकाश पर है जबकि एक अन्य चिकित्सक औट-सैंज सड़क अवरुद्ध होने से रास्ते में फंसा रहा। 108 एंबुलेंस की व्यवस्था हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
-डॉ. रमेश लाल, बीएमओ बंजार ।