बालिका आश्रम के लिए तैनात की जाएं महिला कर्मचारी
बालिका आश्रम में महिला कर्मचारियों की तैनाती को लेकर विभाग हरकत में आ गया है।
संवाद सहयोगी, मंडी : जिले के बालिका आश्रम सुंदरनगर में महिला कर्मचारियों की तैनाती के लिए विभाग गंभीर हो गया है। बाल संरक्षण अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशालय को बालिका आश्रम में महिला कर्मचारियों की तैनाती के लिए पत्र लिखा है। इसके अतिरिक्त यहां रहने वाली बालिकाओं की सुरक्षा समेत बालिका आश्रम में अन्य मूलभूत सुविधाएं जुटाने का भी आग्रह किया गया है।
जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट के तहत बालिका आश्रमों में महिला कर्मचारियों की तैनाती आवश्यक है, लेकिन बालिका आश्रम सुंदरनगर में लड़कियों की सुरक्षा का जिम्मा पुरुष कर्मचारियों पर है। यहां पर अधीक्षक व वार्डन का अहम पद होता है। लेकिन यहां पर एक्ट की गाइडलाइन के विपरीत दोनों महत्वपूर्ण पदों पर महिला कर्मचारियों के बजाय पुरुष कर्मचारी तैनात हैं। बालिका आश्रम में हालांकि लड़कियों के साथ किसी तरह के दुर्व्यवहार का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन पुरुष कर्मचारियों की तैनाती भविष्य में सवाल खड़ा कर सकती है।
दैनिक जागरण ने 12 फरवरी के अंक में 'पुरुष कर्मचारियों के हवाले बालिका आश्रम' शीर्षक से मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने हरकत में आते हुए निदेशालय को पत्र लिखा है। बालिका आश्रम में 30 लड़कियों के रहने की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में आश्रम की क्षमता से अधिक पांच लड़कियां रहती हैं। नियमों के मुताबिक बालिका आश्रम में सफाई कर्मचारी से लेकर ऊपर तक महिला स्टाफ की तैनाती का प्रावधान है। बालिका आश्रम में अधीक्षक, वार्डन व अन्य पदों पर महिला कर्मचारियों की तैनाती को लेकर उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। बालिका आश्रम के विस्तार के लिए भवन निर्माण कार्य का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। विभाग के अधिकारियों को भी कार्य शुरू करने के लिए पुन: आग्रह किया गया है।
डीआर नाइक, चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर मंडी।