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करोड़ों लोगों की सेहत दांव पर, देश में बिक रहा है चीन का नकली शहद

Fake Honey लोकसभा में उठा चीन के नकली शहद का मुद़दा जिससे करोड़ों लोगों की सेहत दांव पर लगी हुई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 09:30 AM (IST)
करोड़ों लोगों की सेहत दांव पर, देश में बिक रहा है चीन का नकली शहद
करोड़ों लोगों की सेहत दांव पर, देश में बिक रहा है चीन का नकली शहद

 मंडी, जेएनएन। लोकसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को शून्यकाल में चीन के नकली शहद के मुद्दे को उठाते हुए मंडी से सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा भारत में बड़े पैमाने पर चीन का नकली शहद बिक रहा है। इससे देश के शहद उत्पादकों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है। करोड़ों लोगों की सेहत भी दांव पर है।उन्होंने कहा कि देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां शहद उत्पादन नहीं होता है।

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इन राज्यों के लगभग ढाई लाख से अधिक किसानों व बागवानों के अथक परिश्रम के कारण ही हमारे देश से वर्ष 2017- 18 में 51,547 मीट्रिक टन शहद का निर्यात संभव हो पाया है। कुछ वर्ष से पड़ोसी देश चीन ने भारत के बाजार में नकली शहद उतारा है। भारत की नामी कंपनियां भी चीन से नकली शहद बाजार में बेच रही हैं। परिणामस्वरूप भारत के शहद उत्पादकों को आधे मूल्य पर शहद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। इस अप्रत्याशित स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि देश की कुछ बड़ी कंपनियां शहद में सीरप मिलाकर देश में ही नहीं अन्य देशों को भी निर्यात कर रही हैं। सीरप 40-42 रुपये किलो के भाव से खरीदकर शहद में मिलाया जाता है। देश में जो कंपनियां सीरप की सप्लाई करती हैं वह बिना बिल बेच रही हैं। बिल न होने से 18 प्रतिशत जीएसटी नहीं लगता है, इसलिए सीरप पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए।

वाणिज्य मंत्रालय के तहत निर्यात निरीक्षण परिषद ने अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में निर्यात होने वाले शहद में मिलावट को रोकने के लिए जांच की पुख्ता प्रणाली न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेसोल्यूशन को एक अगस्त 2020 से अनिवार्य कर दिया है। इसे एक अप्रैल से ही लागू किया जाना आवश्यक, क्योंकि अगस्त तक शहद का सीजन ही समाप्त हो जाएगा।


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