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हिमाचल में बारिश व बर्फबारी से सूखे पौधों में आई जान, खिल उठे किसान-बागवान

Rain and snowfall. हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और बारिश कृषि व बागवानी के लिए संजीवनी साबित हुई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 05:53 PM (IST)
हिमाचल में बारिश व बर्फबारी से सूखे पौधों में आई जान, खिल उठे किसान-बागवान
हिमाचल में बारिश व बर्फबारी से सूखे पौधों में आई जान, खिल उठे किसान-बागवान

पालमपुर/मंडी, जागरण टीम। हिमाचल में हुई बारिश गेहूं की फसल सहित सब्जियों के लिए लाभदायक है। वहीं, बर्फबारी से सेब की बंपर फसल की उम्मीद है। जमीन को पर्याप्त मात्रा में नमी मिलने से गेहूं का बीमारियों से बचाव होगा। बारिश-हिमपात से नदी-नालों में पानी बढ़ा है। इससे बिजली प्रोजेक्टों को राहत मिली है। 

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वहीं दूसरी ओर मटर, साग, मूली, शलगम आदि की सब्जियों के लिए भी यह बारिश लाभदायक है। किसानों फसलों में अधिक देर तक पानी न खड़ा रहने दें, वहीं जहां जरूरत महसूस हो कीटनाशकों का छिड़काव करें। साथ ही, आजकल लगाई जाने वाली प्याज की पनीरी के लिए जमीन को पर्याप्त नमी इस बारिश से मिल गई है। इससे पनीरी तैयार करने में परेशानी नहीं आएगी। किसान जहां बेमौसमी सब्जियां उगाते हैं, वे खेतों में अधिक देर तक पानी न खड़ा होने दें।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों जहां पर सेब की फसल होती है, वहां पर चिलिंग ऑवर्स पूरे करने के लिए पर्याप्त बर्फबारी हुई है। प्रदेश में बर्फबारी और बारिश कृषि व बागवानी के लिए संजीवनी साबित हुई है। काफी दिनों से रुके बागवानी कार्य अब हो सकेंगे। विशेषज्ञों की है कि मौसम खुलते ही सेब के बगीचों में तौलिये बनाने सहित खाद डालने आदि का कार्य जल्द पूरा कर लें। बर्फबारी से सेब की बंपर पैदावार की उम्मीद जगी है, क्योंकि इसके लिए चिलिंग आवर्स पूरा होना जरूरी है।

बारिश व बर्फबारी बनी बिजली प्रोजेक्टों के लिए संजीवनी
बारिश व बर्फबारी प्रदेश के पनविद्युत प्रोजेक्टों के लिए संजीवनी बन गई है। नदी-नालों में पानी की आवक बढ़ने से जनवरी में बिजली उत्पादन का तय लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद बढ़ी है। सूखे के कारण नदी-नालों में पानी की आवक लगातार कम हो रही थी। इससे बिजली प्रोजेक्टों में टरबाइन की रफ्तार कम हो रही थी। बिजली उत्पादन कम होने से प्रदेश की जनता को आए दिन बिजली कटों का सामना करना पड़ रहा था।

ओवरलोडिंग के कारण बिजली विभाग सप्लाई सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए कई स्थानों पर एक-एक घंटे के कट लगा रहा था। प्रदेश में इस समय 300 लाख यूनिट बिजली की डिमांड है। 154 लाख यूनिट बिजली प्रदेश को पड़ोसी राज्यों से बैंकिंग से मिल रही है। बारिश से ओवरलोडिंग की स्थिति में भी सुधार हुआ है।

जानें, किसने क्या कहा
कृषि विभाग के जिलाधिकारी डॉ. कुलदीप धीमान ने बताया कि बारिश फसलों के लिए लाभदायक है तथा जिन किसानों गेहूं में खरपतवार नाशक दवाइयों का छिड़काव नहीं किया है, वह इनका छिड़काव कर सकते हैं। विभाग के पास बेहतर किस्म की दवाइयां उपलब्ध हैं।
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हिमाचल प्रदेश पॉवर कंट्रोलर गगन कुमार ने बताया कि बारिश व बर्फबारी से नदी-नालों में पानी की आवक बढ़ने से बिजली उत्पादन में सुधार हुआ है। इससे लोगों को बिजली कट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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मौसम विभाग शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि जनवरी के पहले सप्ताह में हुई बर्फबारी वरदान साबित होगी। जनवरी में हुई बर्फबारी लंबे समय तक टिकती है, जिससे जमीन में नमी आती है और प्राकृतिक जलस्रोत भी अच्छी तरह से रिचार्ज हो जाते हैं। अच्छी बर्फबारी हिमालय के ग्लेशियरों के लिए संजीवनी की तरह है, जिससे उनका सिकुड़ना कम होगा।


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