सड़कों पर दौड़ी निजी बसें, नहीं मिली सवारियां
जिले में सड़कों पर सभी निजी बसें दौड़ी लेकिन सवारियां नहीं मिली। इससे निजी बस ऑपरेटर फिर निराश हुए।
संवाद सहयोगी, मंडी : जिले में सड़कों पर सभी निजी बसें दौड़ी, लेकिन सवारियां नहीं मिली। इससे फिर निजी ऑपरेटर निराश हुए। सोमवार को जिले के अधिकतर रूटों पर निजी बसें खाली ही दौड़ती नजर आई। जबकि कुछ बसों में सवारियां की संख्या 15 से 20 ही थी। सभी 450 निजी बसें तीन महीने के बाद 460 रूटों पर दौड़ी है। इनमें लंबे रूट की बसें भी शामिल है जो कि शिमला, धर्मशाला, कांगड़ा, हमीरपुर के लिए चली है।
कुछ ऑपरेटरों ने एक रूट पर बसों को चलाने के बाद फिर से खड़ा कर दिया है। बसों में सवारियां की संख्या न के बराबर थी। हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में भी यही स्थिति रही है। इनमें भी सवारियां की संख्या 15 से 25 के बीच में थी। महत्वपूर्ण रूटों पर कुछ बसें 100 फीसद सवारियों के साथ दौड़ी है। तेल का किराया भी पूरा नहीं हो पाया है। जिला यूनियन ने रविवार को मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए बैठक की है। इसमें मुख्यमंत्री ने निजी ऑपरेटरों को एक सप्ताह के भीतर बड़ी राहत देने का आश्वासन दिया है। इसके बाद निजी ऑपरेटरों ने बसों को चलाया है।
अन्य जिलों से मंडी बस स्टैंड पहुंच रही बसों में बैठी सवारियों को सर्वप्रथम बस स्टैंड के मुख्यद्वार पर उतारा गया है। यहां पर पहले क्रमवार सवारियों की थर्मल स्कैनिग व हाथ सैनिटाइज किए गए। उसके बाद बसों के जरुरी भागों को सैनिटाइजर कर आगे काउंटर के लिए छोड़ा गया। तत्पश्चात फिर से सवारियों को बसों में बैठाया गया। वहीं मुख्यद्वार पर बसों के जरूरी भागों को भी सैनिटाइज किया गया।
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ये हैं प्रमुख मांगें
-पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में दस रुपये किराया बढ़ाया जाए।
-बसों के टैक्स को कम किया जाए।
-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी को कम करना।
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सभी निजी बसों को चलाया गया है। सवारिया न मिलने के कारण ऑपरेटरों को परेशानी हुई है। रूटों पर बसें खाली दौड़ती रही।
-सुरेश कुमार, जिला अध्यक्ष निजी बस ऑपरेटर यूनियन।
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नियमों के तहत ही बसें चली हैं। बसों को सैनिटाइज किया गया। बसों का निरीक्षण भी किया गया।
-संजीत सिंह, आरटीओ परिवहन विभाग मंडी।