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भूस्खलन से सतर्क करेंगे वायरलेस ब्लिंकर

आशीष भोज, पद्धर अब भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में वाहन चालकों को वायरलेस ब्लिंकर व हूटर सतक

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 08:40 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 08:40 PM (IST)
भूस्खलन से सतर्क करेंगे वायरलेस ब्लिंकर
भूस्खलन से सतर्क करेंगे वायरलेस ब्लिंकर

आशीष भोज, पद्धर

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अब भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में वाहन चालकों को वायरलेस ब्लिंकर व हूटर सतर्क रखेंगे। भूस्खलन होते ही वायरलैस ¨ब्लकर जगमगाएंगे और हूटर बज उठेगा। इससे वाहनों की रफ्तार थम जाएगी तथा जानमाल का बचाव होगा।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी ने पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटरोपी में सेंसर के बाद अब वायरलेस ¨ब्लकर व चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। बरसात खत्म होने के बाद प्रशासन ने कोटरोपी के दोनों छोर पर तैनात होमगार्डो को हटा दिया था। इसक लोगों ने विरोध जताया था। वाहन चालकों व जनता को अब वायरलेस ब्लिंकर सतर्क करने का काम करेंगे।

बरसात में कोटरोपी सहित जिला के अन्य भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में दरक रही पहाड़ियों के ऊपर आपदा से अलर्ट करने के लिए आइआइटी ने सेंसर लगाए थे। जिन्हें पहले एयरटेल से जोड़ा गया था, लेकिन पर्याप्त सिग्नल न मिलने के कारण बाद में जिओ फाइबर से कनेक्ट किया गया है। बरसात में यंत्र बेहद सफल सिद्ध हुए। इन तमाम उपकरणों को जिला आपदा केंद्र से जोड़ा गया है। पहाड़ी दरकने या जमीन में हलचल होने की पूरी जानकारी केंद्र को मिलती रहती है। पहाड़ी दरकने पर वायरलेस ब्लिंकर दस से पंद्रह सेकेंड तक जगमगाता रहेगा। जब तक जमीन में हरकत होती रहेगी सायरन बजता रहेगा। वायरलेस ब्लिंकर के जगमगाते ही वाहन चालकों को खतरे का पता चल जाएगा। आइआइटी मंडी में कंप्यूटर एंड साइंस इंजीनियर डॉ. वरुण दत्त व सिविल इंजीनियर डॉ. केवी उदय ने तकनीक को ईजाद किया है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में टीम प्रमुख शुभम अग्रवाल की अगुवाई में टीम सदस्य प्रवीण कुमार, अंकुश पठानिया, प्रियंका सिहाग, प्रतीक चतुर्वेदी और नरेश माली उपकरणों को स्थापित कर रहे हैं। बकौल शुभम अग्रवाल, आपदा प्रभावित कोटरोपी में हाईवे के दोनों किनारों में वायरलैस ¨ब्लकर और सायरन लगा दिए हैं। नारला, तालगहर, गुम्मा और चंडीगढ़-मनाली हाईवे में डयोडी, हणोगी, थलौट, दवाड़ा और पंडोह में भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में उपकरण लगाए जाएंगे।

पिछले साल 12 सितंबर की रात कोटरोपी का पहाड़ दरकने से निगम की दो बसें दबने से 48 लोगों की जान चली गई थी। इस साल बरसात में कोटरोपी नाला के रौद्र रूप धारण करने से अस्थायी मार्ग बह जाने से एनएच 24 दिन बंद रहा था।

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मौसम साफ होते ही कोटरोपी घटनास्थल से होमगार्डो को हटाने के बाद आइआइटी मंडी के विशेषज्ञों ने वायरलैस ¨ब्लकर और सायरन लगाए गए हैं। जो वाहन चालकों व आम लोगों को अलर्ट रखेंगे। यह उपकरण जमीन में किसी प्रकार की हरकत होते ही जगमगाना और बजना शुरू हो जाएगा।

डॉ. आशीष शर्मा, एसडीएम पद्धर।


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