सुराह में प्रस्तावित विद्युत प्रोजेक्ट के खिलाफ ग्रामीण उग्र
सराज विधानसभा क्षेत्र के गोहर क्षेत्र की पंचायत मुरहाग के गांव सुराह के लोग विद्युत प्रोजेक्ट के विरोध में उतर आए हैं
सहयोगी, गोहर : सराज विधानसभा क्षेत्र के गोहर क्षेत्र की पंचायत मुरहाग के गांव सुराह के लोगों में सुराह खड्ड में बनने वाले माइक्रो हाईड्रो इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट के खिलाफ आक्रोश पनपता जा रहा है। यह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गृह पंचायत है। ग्रामीणों ने प्रस्तावित प्रोजेक्ट साइट पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। स्थानीय नागरिकों सहित नदी बचाओ प्रोजेक्ट हटाओ संघर्ष समिति के प्रधान कुशाल सिंह, उपप्रधान सीता देवी, सचिव दुर्गा देवी, सह सचिव खेम सिंह, कोषाध्यक्ष तेज सिंह, सचेतक हेतराम, मीनू राम, मनीराम, ओम सिंह, भादर सिंह, इंद्र सिंह, तुलसी राम, हरदेव, गोपाल, सोहन, कृष्णा, जयवंती, देवी राम, हिमेश्वरी, किशन, जगदीश, हेतराम, ओमप्रकाश, लुदरमनी, गीता, कर्म सिंह, मेघ सिंह, लाल सिंह, धर्म चंद, हुकम, गुड़ु तथा हर्ष कुमार ने कहा है कि ग्रामीण इस प्रोजेक्ट निर्माण के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के आसपास की सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि है। यहां सेब बगीचे, पालीहाउस और सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। जिस नाले पर यह प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है उससे कुछ दूरी पटिकरी पावर प्रोजेक्ट चल रहा है। यहां से किसानों के लिए सिंचाई और कई उठाऊ सिंचित परियोजनाएं चलाई जा रही हैैं। मुख्य व्यवसाय कृषि होने के कारण प्रोजेक्ट के लगाने से गांववासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे सिचाई के लिए पानी की कमी व कूहलें बंद हो जाएंगी। प्रोजेक्ट को रोकने के लिए पंचायत से उपायुक्त मंडी को भी प्रस्ताव भेज चुके हैं। यही नहीं गांववासियों ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी उठाया है। प्रोजेक्ट से तीन सौ से चार सौ बीघा जमीन और घर बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से शीघ्र इस मामले में निर्णय लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि प्रोजेक्ट को रद नहीं किया जाएगा ग्रामीण विरोध करते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरने भी गुरेज नहीं किया जाएगा। ---------
सुराह खड्ड पर बनने वाले 1.5 मेगावाट विद्युत प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार सहित प्रदेश सरकार से भी मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए स्थानीय पंचायत ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया है। उसके बाद सभी विभागों से निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। अब विरोध करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में कंपनी प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच हुई बैठक के तहत निकले निष्कर्ष के आधार पर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू होगा।
आशीष गुप्ता निदेशक, माइक्रो हाईड्रो इलेक्ट्रिकल पावर जेनरेशन कंपनी