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मंडी के 937 भवन हाईफ्लड जोन में, गिर सकती है गाज

छोटी काशी के 937 आवासीय व व्यावसायिक परिसरों का भविष्य अब एनजीटी तय करेगा। जिला प्रशासन ने ब्यास नदी, सुकेती व सकोड़ी खड्ड के हाई फ्लड़ जोन के दायरे में आने वाले इन मकानों व व्यावसासिक परिसरों की विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है। एनजीटी ने ब्यास, सुकेती व सकोड़ी का हाई फ्लड़ जोन तय करने व इसके 25 मीटर के दायरे में आने वाले मकानों व व्यावसासिक परिसरों को चिहिन्त करने के आदेश दिए थे। प्रशासन ने ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों से हाई फ्लड़ जोन तय करवाया था। इसे एनजीटी ने ठुकरा दिया था। एनजीटी ने हाई फ्लड़ जोन तय करने का काम राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की को सौंपा था। 25 मीटर के दायरे में करीब एक हजार मकान व व्यावसायिक परिसर आने पर प्रशासन ने एनजीटी से हाई फ्लड़ जोन का दायरा पांच मीटर तय करने का आग्रह किया था, लेकिन एनजीटी ने प्रशासन के इस आग्रह को मानने से इंकार कर दिया था

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 06:44 PM (IST)
मंडी के 937 भवन हाईफ्लड
जोन में, गिर सकती है गाज
मंडी के 937 भवन हाईफ्लड जोन में, गिर सकती है गाज

जागरण संवाददाता, मंडी : छोटी काशी के 937 आवासीय व व्यावसायिक परिसरों का भविष्य अब एनजीटी तय करेगा। जिला प्रशासन ने ब्यास नदी, सुकेतंी व सकोडी खड्ड के हाई फ्लड जोन के दायरे में आने वाले इन मकानों व व्यावसासिक परिसरों की विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है। एनजीटी ने ब्यास, सुकेती व सकोडी का हाई फ्लड जोन तय करने व इसके 25 मीटर के दायरे में आने वाले मकानों व व्यावसासिक परिसरों को चिह्नित करने के आदेश दिए थे।

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प्रशासन ने ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों से हाई फ्लड जोन तय करवाया था। इसे एनजीटी ने ठुकरा दिया था। एनजीटी ने हाई फ्लड जोन तय करने का काम राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की को सौंपा था। 25 मीटर के दायरे में करीब एक हजार मकान व व्यावसायिक परिसर आने पर प्रशासन ने एनजीटी से हाई फ्लड जोन का दायरा पांच मीटर तय करने का आग्रह किया था, लेकिन एनजीटी ने प्रशासन के इस आग्रह को मानने से इंकार कर दिया था। मंडी जिला प्रशासन से हाई फ्लड जोन में 25 मीटर के दायरे में आने वाले परिसरों के मालिकों के नामवार सूची मांगी थी।

शहर के 16 स्थान ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जहां हाई फ्लड जोन में मकान व व्यावसायिक परिसर बने हुए हैं। अगर एनजीटी इन्हें तोड़ने का आदेश देती है तो आधे से ज्यादा शहर उजड़ जाएगा। लोगों की नजर अब एनजीटी के फैसले पर टिकी है। इस मामले को लेकर एनजीटी अगले माह सुनवाई करेगी।

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चिह्नित मकान व व्यावसायिक परिसर

स्थान,भवन

जवाहर नगर,62

पुरानी मंडी,73

लोअर समखेतर,162

सैंण प्रथम,78

सैंण द्वितीय,30

रविनगर,20

टारना,172

रामनगर,97

बाड़ी,01

भगवाहण,50

पड्डल,109

चडयाणा मुहाल,22

नेला मुहाल,43

सेरी मुहाल,22

चडयारा मुहाल,6

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ब्यास नदी, सुकेती व सकोडी खड्ड किनारे हाई फ्लड जोन के दायरे में 937 मकान व व्यावसायिक परिसर चिह्नित किए गए हैं। एनजीटी को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी गई है।

-डॉ. मदन कुमार, एसडीएम, मंडी


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