नौ करोड़ की दीवार से सुरक्षित होगी छोटी काशी
संवाद सहयोगी, मंडी : बरसात में उफनती सुकेती व्यास में मिलने से पहले छोटी काशी के नाम से म
संवाद सहयोगी, मंडी : बरसात में उफनती सुकेती व्यास में मिलने से पहले छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर में किसी प्रकार की तबाही की इबारत नहीं लिखेगी। पुलघराट से शहर के मंगवाई को पड्डल से जोड़ने वाले पुल तक प्रोटेक्शन वाल यानी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए 3.69 करोड़ की राशि मंजूर कर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कार्य शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यहीं नहीं बरसात के दिनों में शहर में हमेशा तांडव मचाने को आतुर सकोडी खड्ड के तट्टीकरण के लिए भी प्रदेश सरकार ने 5.69 करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर कार्य को गति देने के निर्देश विभाग को जारी कर दिए हैं।
मंडी शहर के बाइपास के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ सुकेती खड्ड बहती है। बरसात के दिनों में सुकेती के उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग के बाधित रहने का हर वक्त खतरा रहता है। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ दूसरी ओर पहाड़ी भी हमेशा दरकती रहती है। पहाड़ी से मलबे के साथ चट्टानें गिरती रहती हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के मौके पर इन दो बड़े विकास कार्यो को लेकर घोषणा की थी। घोषणा के बाद विभाग ने इनकी डीपीआर तैयार कर इसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे करीब दो माह में प्रदेश सरकार ने अमलीजामा पहनाकर मंजूरी प्रदान करने के साथ बजट भी मुहैया करवा दिया है।
सुरक्षा दीवार लगने से टैक्सी स्टैंड व रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए प्रस्तावित अदद स्थल की भी सुरक्षा मजबूत हो जाएगी। सुकेती खड्ड के किनारे सुरक्षा दीवार लगने से रेहड़ी-फड़ी वाले भी स्वयं को असुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। नगर परिषद ने इस दायरे में रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए साइट चिह्नित कर रखी है।
इसके अलावा सकोडी खड्ड के किनारे रहने वाले लोग कई बार रात को जाग कर काटने को मजबूर रहते हैं। प्रदेश सरकार ने सकोडी खड्ड के तट्टीकरण को भी हरी झंडी प्रदान कर दी है। इसके लिए 5.69 करोड़ रुपये का बजट भी उपलब्ध करवा दिया है।
------ शहर के बीचों-बीच से बहने वाली सकोडी खड्ड के तट्टीकरण की घोषणा के बाद इसके लिए प्रदेश सरकार ने बजट भी उपलब्ध करवा दिया है। इसके अलावा बाइपास तक के दायरे में सुकेती किनारे सुरक्षा दीवार के लिए बजट की राशि प्रदान कर दी गई है। विभाग को अब कार्य शुरू करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
-अनिल शर्मा, ऊर्जा मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार।