मकान का सपना आश्रय योजना से साकार
जागरण संवाददाता मंडी हमारे लिए अपना पक्का मकान तो बस एक सपना था लेकिन स्वर्ण जयंती आश्रय
जागरण संवाददाता, मंडी : हमारे लिए अपना पक्का मकान तो बस एक सपना था, लेकिन स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से से सपना साकार हो गया है और अब मेरे पास तीन कमरों का पक्का मकान है। यह कहना है सदर के बीर तुंगल निवासी कर्मचंद का। कर्मचंद की तरह ही मंडी जिले के 513 गरीब लोगों के स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत मकान बने हैं। सभी को कुल 7.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
पधयूं के चिरंजी लाल बताते हैं कि उनके पास मकान के नाम पर बस दो कच्चे कमरे थे, बारिश में छत टपकती थी। उन्हें सरकार की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना में 1.50 लाख रुपये स्वीकृत हुए। अब उन्होंने दो कमरे, रसोई, शौचालय से युक्त पक्का मकान बना लिया है। मंडी के सकोर रेड़धार गांव के जगदीश, टिली कहनवाल के महेंद्र, धनोग गांव के गुलेर और पदम सिंह ने भी मुख्यमंत्री का छत देने के लिए आभार जताया है।
जिला कल्याण अधिकारी मंडी आरसी बंसल ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों के लिए घर उपलब्ध कराने को स्वर्ण जयंती आश्रय योजना शुरू की है।
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ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी परिवार हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों को कवर किया गया है। लाभार्थी परिवार की सालाना आमदनी 35 हजार से कम हो। मकान बनाने वाले के नाम पर जमीन होनी चाहिए।
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जिले में सरकार की आवास योजनाओं के अंतर्गत पात्र परिवारों को तुरंत लाभ प्रदान करना सुनिश्चित बनाया गया है। गरीब लोगों के जीवन में सामाजिक सुरक्षा, जीवन स्तर में सुधार एवं उत्थान में यह योजनाएं काफी कारगर सिद्ध हुई है।
-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।