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मंत्री का काफ‍िला रोकने पर 200 मह‍िलाओं पर एफआइआर मामले में प्रदेशभर की नारी शक्‍ित हुई एकजुट

जिला लाहुल-स्पीति में मंत्री का काफ‍िला रोकने के आरोप में 200 अज्ञात महिलाओं पर दर्ज एफआइआर मामले में नारी शक्‍ती ने एकजुटता दिखाई।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 05:44 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 05:44 PM (IST)
मंत्री का काफ‍िला रोकने पर 200 मह‍िलाओं पर एफआइआर मामले में प्रदेशभर की नारी शक्‍ित हुई एकजुट
मंत्री का काफ‍िला रोकने पर 200 मह‍िलाओं पर एफआइआर मामले में प्रदेशभर की नारी शक्‍ित हुई एकजुट

केलंग, जागरण संवाददाता। जिला लाहुल-स्पीति में मंत्री का काफ‍िला रोकने के आरोप में 200 अज्ञात महिलाओं पर दर्ज एफआइआर मामले में नारी शक्‍ती ने एकजुटता दिखाई। एकल नारी शक्ति संगठन बिलासपुर, मंडी व कांगड़ा, सर्व शक्ति संगम सोलन, एकल नारी कृषि सहकारी सभा ऊना, सकीना एवं नानकी भारद्वाज पर्वतीय महिला अधिकार मंच, लता देवी सराज, महिल कल्याण परिषद किन्नौर सहित प्रदेश भर के महिला संगठन स्पीति की महिलाओं के पक्ष में उतरे हैं। वहीं, क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं भी थाने पहुंच गई थीं, जिस पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।

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नौ जून को हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय काजा गए थे, तो महिलाओं ने कोरोना वायरस के खतरे का हवाला देते हुए उन्‍हें काजा में प्रवेश नहीं करने दिया था। पुलिस ने प्रदर्शन में काजा गांव की 200 अज्ञात महिलाओं पर आइपीसी की धारा 341, 143 व 188 के तहत मामला दर्ज किया था।

महिलाओं का कहना है कि मंत्री का रास्ता रोकने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। स्पीति घाटी के लोगों के निर्णय के खिलाफ जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्यों ने बाहर से कामगारों को लाना शुरू कर दिया था, जिसका विरोध करने के लिए महिला मंडल, युवक मंडल व व्यपार मंडल के लोग यहां एकत्रित हुए थे। सबको जब यह मालूम हुआ कि सभी अधिकारी मंत्री का स्वागत करने काजा गेट पर पहुंचे हैं तो वे सब उन्हें मिलने काजा गेट के पास एकत्रित हो गए। वहां पहुंचते ही मंत्री का काफिला भी आ गया, जिसमें करीब 15 गाड़िया शामिल थी। महिलाओं ने यह तर्क दिया कि मंत्री के साथ बाहर से आए बहुत से लोग कहीं घाटी में कोरोना वायरस न ले आएं इसलिए ही उन्होंने मंत्री को काजा आने का विरोध किया। 

महिला संगठनों ने मंत्री व सरकार से दो टूक शब्‍दों में कहा है कि यदि महिलाओं के खिलाफ हुए मामले वापस न लिए और पुलिस द्वारा धमकाना बंद न किया गया तो वे इस मामले को महिला आयोग और जनजातीय आयोग तक ले जाएंगे। महिला मंडल अध्यक्ष सोनम डोलमा ने कहा विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए पुलिस हर घर में आ रही थी। इसलिए हमने स्वयं एक सूची प्रस्तुत की। नामों में लगभग हर गांव की महिलाएं शामिल हैं।


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