भविष्य की पौध को बचाने के लिए खुरिक गांव में शराबबंदी
जागरण संवाददाता केलंग जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की स्पीति घाटी की महिलाएं भविष्य की पौध
जागरण संवाददाता, केलंग : जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की स्पीति घाटी की महिलाएं भविष्य की पौध को बचाने के लिए एकजुट हो गई हैं। खुरिक गांव के महिला मंडल ने प्रस्ताव पारित कर गांव में देसी शराब बनाने, खरीदने व बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि इस क्षेत्र में हर शुभ कार्य फूल व शराब से शुरू किया जाता है बाबजूद इसके महिलाओं ने देसी शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई ग्रामीण इस प्रस्ताव का उल्लंघन करता है तो उसे 1000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पंचायत में नशाबंदी के बोर्ड भी लगा दिए हैं।
महिलाओं का कहना है कि युवा पीढ़ी नशे में डूबती जा रही है, जिससे वे चिंतित हैं। महिला मंडल की ओर से देसी शराब बेचने और खरीदने की रोक का पंचायत ने भी साथ दिया और इस फैसले को सराहा है। लाहुल स्पीति की महिलाओं ने वन कटान पर भी प्रतिबंध लगाया है। वन्य प्राणियों के शिकार पर भी रोक लगाई, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं। खुरिक पंचायत के पूर्व उपप्रधान कलजग ने बताया कि गांव के महिला मंडल की ओर से देसी शराब खरीदने व बेचने पर प्रतिबंध के बाद अब पंचायत महिलाओं को मनरेगा में प्राथमिकता देंगी।
महिला मंडल की प्रधान दोरजे डोलमा, उपप्रधान लुसंग डोलकर, सदस्य छेरिग लामो ने बताया कि उनके गांव में देसी शराब के प्रचलन ने युवाओं को नशे की ओर धकेल दिया है। गांव के 70 फीसद से अधिक युवा नशे की चपेट में आ गए हैं। उधर, एसडीएम काजा जीवन नेगी ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो महिलाओं की यह पहल सराहनीय है।