Rohtang pass:सड़क पर बर्फ आने से आवाजाही मुश्किल, जवानों की मेहनत पर फिरा पानी
रोहतांग दर्रे पर बर्फ के सड़क पर आ जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है बीआरओ के जवान लगातार रोहतांग बहाली के कार्य में जुटे हुए हैं।
मनाली, जेएनएन। रोहतांग दर्रे में खराब मौसम ने सीमा सड़क संगठन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बफीर्ली हवा चलने से बर्फ के दर्रे में सड़क पर आने से बीआरओ के जवानों की रोहतांग बहाली पर पानी फिरता दिख रहा है। ऐसे में राहनीनाला से रोहतांग लांघना आसान नहीं है। यह छह किलोमीटर वो क्षेत्र है, जहां लगातार हवाएं चलने से बर्फ सड़क पर आ रही है।
पिछले 10 दिन से रोहतांग बहाली में जुटा हुआ है। बीआरओ ने हालांकि दो दिन पहले ही रोहतांग दर्रा बहाल भी कर दिया लेकिन शुरू हुए बर्फीले तूफान अब सबसे बड़ी बाधा बन गया है। रविवार को 18 लोगों ने वाहनों में दर्रा पार करने की हिम्मत भी की लेकिन बर्फीले तूफान ने उनकी राह को रोक ली और वाहन रोहतांग से लाहुल वापस हुए। लोगों ने हिम्मत कर पैदल चलकर मनाली दस्तक दी। बीआरओ पिछले चार दिन से बर्फीले तूफान का सामना कर रहा है।
जवान कल देररात तक बर्फ हटाते रहे। तेज हवा के कारण इधर-उधर से आ रही बर्फ सड़क को बाधित कर रही है। राहनीनाला से रोहतांग तक मात्र छह किलोमीटर क्षेत्र में यह समस्या आई है। हालांकि बीआरओ ने लाहुल के लोगों की समस्या को देखते हुए ही यह पहल की है जिसमे बीआरओ का 10 दिन के भीतर लाखों खर्च हो गया है लेकिन मौसम के तेवर को देखते हुए लग रहा है कि लाहुल के लोग इस रोहतांग बहाली अभियान का फायदा नही उठा सकेंगे।
कोकसर बचाव चौकी प्रभारी पवन ने बताया कि सोमवार को एक वाहन कोकसर से रोहतांग को ओर निकला है लेकिन वो भी अभी रोहतांग में फंसा हुआ है, जिसे बीआरओ निकाल लिया। रोहतांग दर्रे में एक बार फिर 11 दिन बाद बादलों में डेरा डाल दिया है।
इस कारण वाहनों की आवाजाही पर भी बादल छाते दिख रहे है। बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बीआरओ ने तो कड़ी मेहनत कर रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है लेकिन मौसम ने सभी की दिक्कत को बढ़ाया है। अगर एक दो दिन में बर्फबारी हो जाती है तो दर्रा सर्दियो के लिए बंद हो जाएगा।
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