आनी के पनेऊ की खूबसूरती के कायल थे नेहरू
कुल्लू के पनेऊ की खूबसूरती के नेहरू भी कायल थे
फोटो सहित
सरकार की नजर पड़े तो और विकसित हो सकता है पर्यटन स्थल
अंग्रेजी काल में बनी सड़कें न तो चौड़ी हो पाई और न ही पक्की
संवाद सहयोगी, कुल्लू : जिला कुल्लू के आनी खंड की ग्राम पंचायत की कराणा की चोटी पर स्थित पनेऊ एक रमणीक पर्यटन स्थल है। खूबसूरत वादियों और घने देवदार के पेड़ों से घिरा यह स्थान हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां अति सुंदर पनेऊ नाग का मंदिर भी है। पर्यटन की दृष्टि से अगर सरकार की यहां पर नजर-ए-इनायत हो जाएगी तो चार चांद लग सकते हैं। अंग्रेजों का बसाया पनेऊ को पूर्व सरकार ने ईको टूरिज्म के तहत विकसित करने का बीड़ा तो उठाया था, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंचा। गौर रहे कि 1948 में देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू भी यहां दौरा कर चुके हैं, जिसका प्रमाण यहां के रजिस्टर में अंकित उनके द्वारा किए हस्ताक्षर से मिलता है। यह रजिस्टर शिमला के म्यूजियम में सुरक्षित है। 1948 में कुल्लू-मनाली दौरे के दौरान प. नेहरू ने करीब एक माह कुल्लू-मनाली की हसीन वादियों में बिताया था। विश्राम गृह और जलोड़ी जोत सड़क को कवर करने के लिए अंग्रेजों ने शुश-पनेऊ संकरी सड़क बनाई थी। हिमाचल सरकार के सुस्त रवैये से यह सड़कें आज तक न ही चौड़ी हो पाई और न ही इसकी कोई सुध ली गई।
इसके अलावा यहां से 16 किमी पहले जलोड़ी जोत और सरेउलसर झील भी स्थित है, जो पर्यटकों की पसंद है। आनी क्षेत्र की सबसे खूबसूरत वादियों में शुमार पनेऊ की प्राकृतिक सुंदरता के कायल लोग यहां बार-बार आने को आतुर रहते हैं। यह सड़क वन विभाग के अधीन है, जिसे लोनिवि के अंतर्गत लाने की भी मांग चली रह थी। सड़क को चौड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दस लाख रुपये की घोषणा की है। विश्राम गृह का जीर्णोद्धार कुल्लुवी शैली में किया जाएगा।
आनी का पनेऊ खूबसूरत जगह है। इसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही योजना तैयार कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। जल्द ही सरकार से इस बारे में पत्राचार किया जाएगा।
बीसी नेगी जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू।