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रोहतांग टनल के नार्थ और साउथ पोर्टल बर्फ से ढके

लगातार हो रही बर्फबारी से रोहतांग सुरंग के दोनों पोर्टल बर्फ से ढग गए हैं

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 06:16 PM (IST)
रोहतांग टनल के नार्थ और साउथ पोर्टल बर्फ से ढके
रोहतांग टनल के नार्थ और साउथ पोर्टल बर्फ से ढके

जागरण संवाददाता, मनाली : लगातार हो रही बर्फबारी से रोहतांग सुरंग के दोनों पोर्टल बर्फ से ढक गए हैं। हालांकि रोहतांग सुरंग के अंदर तापमान सामान्य है, लेकिन छोर के बाहर आते ही तापमान शून्य डिग्री से नीचे लुढ़क गया है। मौसम के ठंडे हो जाने से कामगारों की दिक्कते बढ़ी है। इस बार भी बीआरओ सर्दियों में दोनों ओर से रोहतांग सुरंग के कार्य को जारी रखेगा। बीआरओ ने दोनों छोर को मिलाने के बाद खोदाई के अधिकतर का भी पूरा कर लिया है लेकिन फिनि¨शग कार्य में अभी अधिक समय लगेगा। बीआरओ ने हालांकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सुरंग को 2019 के अंत तक देश को समर्पित करने की बात कही है, लेकिन निर्माण में जुटी स्ट्रॉबेग, एफकॉन और स्मेक कंपनी की माने तो अभी बहुत सारा काम करने को है। इन दिनों खोदाई के साथ फिनि¨शग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

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रोहतांग सुरंग के तैयार हो जाने से लाहुल घाटी 12 माह खुली रहेगी। साथ ही 46 किलोमीटर तक का सफर भी कम हो जाएगा। सुरंग के तैयार हो जाने से लाहुल के लोग हवाई सेवा पर निर्भर नहीं रहेंगे। सर्दियों में बीमारी या दुर्घटना के दौरान समय पर हवाई सेवा न मिलने से बहुत से लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।

बीआरओ रोहतांग सुरंग परियोजना के चीफ इंजीनियर चन्द्र राणा ने बताया कि मंगलवार सुबह से रोहतांग सुरंग के दोनों छोर पर बर्फबारी हो रही है। दोनों पोर्टल बर्फ से ढक गए हैं, लेकिन सुरंग का कार्य जारी है। सर्दियों में भी सुरंग का कार्य दोनों छोर से चलता रहेगा। बीआरओ का प्रयास रहेगा कि सुरंग समय पर देश को समर्पित कर दी जाए। आपात स्थित में मिलेगी राहत

पिछले साल रोहतांग सुरंग के दोनों छोर जुड़ जाने से लाहुल के लोगों को आपात स्थिति में घाटी से बाहर निकलने का बेहतर विकल्प मिल गया है। सितंबर में भी लाहुल घाटी में अचानक बर्फबारी से फंसे हजारों सैलनियों सहित स्थानीय लोगों को रोहतांग सुरंग से बाहर निकाला गया था। कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मार्कंडेय ने कहा की सर्दियों में आपात स्थिति में लाहुल के लोगों को सुरंग के रास्ते घाटी से बाहर निकलने की सुविधा रहेगी।


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