सेना की लाइफ लाइन बनेंगे मनाली-लेह मार्ग पर निर्मित तीन पुल
जागरण संवाददाता मनाली मनाली-लेह मार्ग पर निर्मित तीन पुल सेना की लाइफ लाइन बनेंगे। ये सुरक्षा ब
जागरण संवाददाता, मनाली : मनाली-लेह मार्ग पर निर्मित तीन पुल सेना की लाइफ लाइन बनेंगे। ये सुरक्षा बलों व रसद को सीमा तक जल्द पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को मनाली-लेह मार्ग पर बने दारचा, चंद्रा व पलचान पुल का आनलाइन उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शिमला से उद्घाटन कार्यक्रम से आनलाइन जुडे़ थे। जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय, कर्नल जेएस बरगोटी शिमला से, शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर व लोकसभा सदस्य रामस्वरूप शर्मा भी आनलाइन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इन पुलों का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मार्गदर्शन में गर्ग एंड गर्ग कंपनी ने किया है।
पहले 24 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिमाचल के इन पुलों का आनलाइन लोकार्पण करना था लेकिन केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन के चलते कार्यक्रम रद हो गया था। मनाली लेह मार्ग के दारचा में भागा नदी पर, अटल टनल के नार्थ पोर्टल में चंद्रा नदी पर और मनाली के पलचान में ब्यास नदी पर इन पुलों का निर्माण हुआ है। गर्ग एंड गर्ग कंपनी के मैनेजर प्यारे लाल शर्मा ने बताया कि हालांकि बड़ी नदियों पर इन पुलों का निर्माण कार्य चुनौती भरा रहा, लेकिन चंद्रा नदी पर पुल बनाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा है।
बीआरओ दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएस बाघी ने बताया कि इन पुलों के निर्माण से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग का सफर और सुगम हो गया है।
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दारचा पुल
मनाली-लेह मार्ग पर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर दारचा में 360 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है। इस मार्ग पर यह सबसे लंबा पुल है। इसके बनने से अब भागा नदी में आने वाली बाढ़ भी वाहनों की आवाजाही को नहीं रोक पाएगी। पुल निर्माण से 400 मीटर दूरी भी कम हुई है। चंद्रा पुल
अटल टनल रोहतांग के नार्थ पोर्टल पर चंद्रा नदी पर बना यह पुल लाहुल को कुल्लू घाटी से भी जोड़ेगा। 100 मीटर लंबा यह पुल एक साल के भीतर तैयार किया गया है। हवा का अधिक दवाब रहने के कारण यहां तापमान दिन को भी माइनस में रहता है जिस कारण निर्माण किसी चुनौती से कम नहीं था। इस पुल के बनने से अटल टनल लाहुल घाटी से जुड़ी है।
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पलचान पुल
यह पुल मनाली से अटल टनल के साउथ पोर्टल के रास्ते में पलचान में बनाया गया है। 110 मीटर लंबा पुल दो साल में तैयार किया गया है। पुल के बनने से ब्यास नदी सहित पागल नाले में आने वाली बाढ़ यातायात को प्रभावित नहीं कर पाएगी।