29 वर्ष बाद भी राजीवघाट का सपना अधूरा
कमलेश वर्मा कुल्लू भुंतर स्थित जिया गांव में ब्यास व पार्वती के संगम स्थल में आखिर राजीवघाट क
कमलेश वर्मा, कुल्लू
भुंतर स्थित जिया गांव में ब्यास व पार्वती के संगम स्थल में आखिर राजीवघाट का निर्माण कब होगा। धार्मिक व एतिहासिक दृष्टि से जहां महत्वपूर्ण है वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी संगम स्थल महत्वपूर्ण है। इस संगम स्थल में मई 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अस्थियां विसर्जित की गई हैं। संक्रांति व अन्य त्योहारों में देवी-देवता के साथ जिले के अलावा बाहर से भी श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां विसर्जित करने के बाद यहां पर सरकार ने राजीव घाट बनाने की योजना है लेकिन ग्रामीणों का सपना 29 साल बीतने के बाद पूरा नहीं हो सका है।
वर्तमान में प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन पिछले 29 वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस सरकार काफी बार सत्ता में आई बावजूद इसके इस योजना पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया। सरकारें बदलती रही और योजना राजनीति की भेंट चढ़ती गई। अब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अस्थियां भी यहां पर विसर्जित की गई हैं और अब नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने यहां पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा बनाने की योजना है। अब देखना यह है कि पूर्व पीएम व पूर्व सीएम की स्मृति में यहां पर राजीवघाट व प्रतिमा का निर्माण होता है या फिर यह संगम स्थल इसी तरह से सरकार की नजर-ए-इनायत के लिए तरसता रहेगा।
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खनन माफिया का अड्डा बना पवित्र स्थल
पवित्र स्थल खनन माफिया का अड्डा बन चुका है। वहीं कुछ रही सही कसर खनन माफिया पूरा कर रहा है। अवैध खनन से इस धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल को ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
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कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही इस पर्यटन स्थल को विकसित करने और यहां पर राजीवघाट बनाए जाने का सपना पूरा होगा। यहां पर पूर्व पीएम के साथ-साथ पूर्व सीएम की प्रतिमाओं के अलावा वाटिका भी बनाई जाएगी।
-सुंदर ठाकुर, विधायक, कुल्लू।