पर्यटकों से गुलजार हुई मनाली, लोहड़ी की तैयारियां शुरू
Makar Sankranti 2019 लोहड़ी व मकर संक्रांति के अवसर पर मनाली में काफी संख्या में पर्यटक पहुंच चुके हैं जिससे सभी छोटे व बड़े होटलों में भी सैलानियों की ऑक्यूपैसी बढ़ गई है।
मनाली, जेएनएन। क्रिसमिस और न्यू ईयर के बाद अब लोहड़ी व मकर संक्रांति पर्व पर भी मनाली में पर्यटकों का मेला लगा हैं और व्यवसायी खासे खुश हैं। पर्यटकों की आमद से निगम सहित सभी छोटे व बड़े होटलों में भी सैलानियों की ऑक्यूपैसी बढ़ गई है। सोलंगनाला में घुड़सवारी सहित स्नो स्कूटर, स्नो स्लेज, माउंटेन बाइक, पैरागलाइडिंग जैसी खेलों की धूम मची है। कोट-बूट सहित सैलानियों को कुल्लवी परिधान उपलब्ध करवाने वाली घाटी की महिलाएं भी सैलानियों की आमद बढ़ने से बेहतर कारोबार कर रही हैं। महिला रेशम और करिश्मा ने बताया कि उनके कारोबार में बढ़ोतरी हुई है।
कुल्लवी परिधान में फोटोग्राफी करना सैलानियों की पहल पसंद बनी हुई है। स्नो स्कूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष भूमि चंद ने बताया कि एसोसिएशन सैलानियों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास कर रही है। होटल संचालक सुशील, बंसी और रवि ब्यास ने बताया कि बर्फबारी से मनाली के होटलों में अच्छी बुकिंग है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनवरी में कारोबार बेहतर रहेगा। पर्यटन निगम के डीजीएम अरविंद सेन ने बताया की पर्यटन निगम के होटलो में रौनक बरकरार है।
बर्फ से लदे हैं पर्यटन स्थल
मनाली के सोलंगनाला, कोठी, हामटा, अंजनी महादेव ओर फातरु में दो से अढाई फुट बर्फ है। रोहतांग दर्रे के भारी बर्फबारी हुई है। दर्रे के दीदार सैलानी अप्रैल के बाद ही कर पाएंगे।
पर्यटन स्थल कोठी भी सैलानियों के लिए बहाल कर दिया गया है। पर्यटन स्थलों में चिन्हित स्थानों में ही पर्यटक अपने वाहन पार्क करे ताकि टै्रफिक व्यवस्था को सुचारू रखा जा सके।
-शेर सिंह, डीएसपी मनाली
कुल्लू में मकर संक्रांति की तैयारियां शुरू
देवभूमि कुल्लू में माघ संक्रांति को लेकर लोगों तैयारियां शुरू कर दी हैं। माघ संक्रांति सात दिनों तक मणिकर्ण, खराहल, लगघाटी, बाह्य सराज, ऊझी घाटी व गड़सा घाटी में धूमधाम से मनाई जाती है। गांवों में
देवताओं के सम्मान में दियाली पर्व मनाए जाएगा। मणिकर्ण घाटी के नीशू कात्यायन ने कहा कि माघ संक्रांति का दिन बुजुर्ग लोगों के साथ आस्था पूर्ण वाला दिन है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। ऊझी घाटी में भी हर घर में दीपावली की तरह आंगन में रोशनी की जाएगी। 14 जनवरी को मकर स्नान होगा। इस दिन स्वर्ग प्रवास पर गए अधिकतर देवी-देवता भी वापस लौट आएंगे और घाटी के लगभग सभी मंदिरों के भी कपाट खुलेंगे।
इस उत्सव के मौके पर लोग गर्म चश्मे क्लाथ, मणिकर्ण, खीरगंगा तथा भुंतर स्थित ब्यास-पार्वती संगम स्थल पर शाही स्नान करेंगे। धार्मिक आस्था के चलते परिवार का सदस्य स्नान कर सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा और रीति रिवाजों के मुताबिक सूर्य देव और अपने ईष्ट देवता की पूजा अर्चना करेंगे।
इस मौके पर ग्रामीण पारंपरिक व्यंजन खिचड़ी का देशी घी के साथ स्वाद चखेंगे और अपने रिश्तेदारों को बुला कर उनकी मेहमानबाजी के लिए हलवा, लुची, बाबरू, सिड्डू के अलावा कद्दू की बनी स्पेशल स्वीट डिश भी परोसेंगे।