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स्थानीय व्यंजनों को बखूबी बता गए पीएम मोदी कहा, अटल टनल ने उठा लिया अब लाहुलियों का बोझ

प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल के प्रति लगाव को बखूबी दिखाया। सोलंगनाला की वादियों को जहां जानी पहचानी बताया वहीं यहां के स्थानीय व्यंजनों का भी बखूबी जिक्र भाषण में कर गए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाहुल के लोगों का बोझ अब अटल टनल रोहतांग ने उठा लिया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 04:34 PM (IST)
स्थानीय व्यंजनों को बखूबी बता गए पीएम मोदी कहा, अटल टनल ने उठा लिया अब लाहुलियों का बोझ
मोदी ने यहां की वादियों को जहां जानी पहचानी बताया, वहीं पहाड़ी व्यंजनों का भी बखूबी जिक्र भाषण में किया।

कुल्‍लू, कमलेश वर्मा। प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल के प्रति लगाव को बखूबी दिखाया। सोलंगनाला की वादियों को जहां जानी पहचानी बताया, वहीं यहां के स्थानीय व्यंजनों का भी बखूबी जिक्र भाषण में कर गए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने अटल रोहतंगा टनल के साकार होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाहुल के लोगों का बोझ अब अटल टनल रोहतांग ने उठा लिया है। अब लोग आसानी से एक दूसरे से मिल सकेंगे। कुल्लू के सिड्डू और मनाली के चिड़वे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब तो टनल के जरिए लोग सुबह कुल्लू मनाली से सिड्डू का नाश्ता करके निकलेंगे और लाहुल में जाकर चिलडू का लंच करेंगे और रात का खाना वापस मनाली में भी कर सकेंगे। यह सपना हकीकत में तबदील केवल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोच के कारण हुआ है। पीएम सोलंगनाला में घूमने का जिक्र किया और प्रीणी में अटल के साथ बिताए समय के बारे में बताया। वहीं स्थानीय व्यंजनों का नाम लेकर उन्होंने अपने बीते समय को याद किया। मोदी ने कहा कि 9.2 किलोमीटर लंबी इस अटल रोहतांग टनल का सपना प्रीणी में देखा गया था और आज मेरा सौभाग्‍य है कि मैं इसे जनता को समर्पित कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि लाहुल के लोगों के लिए यह वह सपना है, जो टशीदाबा ने अटल जी के साथ देखा था। आज उनके प्रयास ने लाहुल में नए युग को जन्म दिया है और अब यहां के स्थानीय व्‍यंजन और अन्य उत्पादन देश के हर कौने तक पहुंचाने में आसानी होगी।

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क्या है सिड्डू और चिलडू

सिड्डू कुल्लू मनाली में बनाए जाते हैं। इसको आटे से बनाया जाता है और इसके अंदर अखरोट का मसाला आदि पड़ता है। इसे मोमो की तरह स्टीम किया जाता है और घी और आचार के साथ खाया जाता है। इसके लिए अलग से अखरोट की चटनी बनती है। वहीं चिलडू लाहुल में बनाए जाते हैं, इनको भी जौं, गेहूं, कुट्टू के आटे के साथ मिक्‍स करके बनाया जाता है और इसको इस्ट के जरिए बनाया जाता है और इसे भी घी के साथ खाया जाता है।

मनाली मत जइयो राजा के राज में

पीएम ने कविता सुनाकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के मन की बात बताई। उन्होंने कहा कि प्रीणी में अक्सर अटल कविता सुनाते थे कि मनाली न जइयो राजा के राज में।


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