दूध से सुदृढृ की आर्थिकी, 60 लोगों को दिया सहारा
संवाद सहयोगी कुल्लू कोरोना काल में जहां लोगों का रोजगार छिन गया है वहीं कुछ ने अपना
संवाद सहयोगी, कुल्लू : कोरोना काल में जहां लोगों का रोजगार छिन गया है वहीं कुछ ने अपना कारोबार शुरू कर आर्थिकी सुदृढ़ की है। कोरोना काल में कई काम-धंधे ठप पड़ गए थे, लेकिन दूध और इससे बने उत्पादों की मांग, कीमत और सप्लाई कहीं कोई कमी नहीं आई। कुल्लू के लगघाटी में कमांद के पास 53 वर्षीय हेम सिंह ने दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट लगाया।
हिम सुरभि हिमालय दुग्ध समिति गांव के 60 लोगों के रोजगार का जरिया बनी है। हेम सिंह लगवैली से रोजाना सुबह पांच बजे उठकर दूध, दही, पनीर को कुल्लू लाते हैं। इसमें अखाड़ा बाजार, सुल्तानपुर, लोअर ढालपुर, से टिकरावावड़ी तक दूध की सप्लाई करते हैं। हेम सिंह का कहना है कि शुरू में उन्होंने 17 लीटर दूध से कारोबार शुरू किया। अब वह महीने का 30 से 40 हजार रुपये कमाते हैं। गांव में करीब 60 लोगों से दूध एकत्र कर उसका दही, पनीर तैयार करते हैं। इससे ग्रामीणों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है और लोगों को भी सुविधा मुहैया करवा रहे हैं।
चौपाड़सा पंचायत के कडौन के रहने वाले हेम सिंह का कहना है कि इसके लिए उन्होंने मिड हिमालय प्रोजेक्ट के तहत सात लाख रुपये का लोन लिया था। इसमें 30 प्रतिशत अनुदान दिया गया। इससे कार्य करने की हिम्मत को और बढ़ाया और आज दूध दही, पनीर से रोजगार उपलब्ध करवाया है। स्वयं तो रोजगार मिला गांव में अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करवाया।
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जिला कुल्लू में पशु पालन पर सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई है। इसमें अच्छा रोजगार कमा सकते हैं। लगघाटी के हेम सिंह ने कारोबार शुरू कर अपने साथ अन्य को रोजगार देकर आर्थिकी मजबूत की है।
-डा. संजीव नड्डा, उप निदेशक पशु पालन विभाग कुल्लू।