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हिमाचल प्रदेशः माइनस में पहुंचा पारा, पहाड़ों में जमने लगी झीलें

हिमाचल में तापमान में गिरावट के कारण लाहुल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर और चंबा जिलों के पहाड़ों की झीलें जमना शुरू हो गई हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 10:28 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 07:38 AM (IST)
हिमाचल प्रदेशः माइनस में पहुंचा पारा, पहाड़ों में जमने लगी झीलें
हिमाचल प्रदेशः माइनस में पहुंचा पारा, पहाड़ों में जमने लगी झीलें

मनाली, जसवंत ठाकुर। हिमाचल के पर्वतीय इलाकों में ताजा बर्फबारी के बाद कई पहाड़ी क्षेत्रों में पारा शून्य के नीचे चला गया है। तापमान में गिरावट के कारण लाहुल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर और चंबा जिलों के पहाड़ों की झीलें जमना शुरू हो गई हैं। 12 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने लगे हैं। लाहुल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील सहित देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद 14190 फुट ऊंची चन्द्रताल झील, लेह मार्ग पर स्तिथ 15840 फुट ऊंची सुरजताल झील और पटन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची निल कण्ठ झील भी बर्फबारी जम गई है।

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रोहतांग के समीप स्थित दशहर झील।

मनाली रोहतांग के समीप 14290 फुट दशोहर झील, 14100 फुट ऊंची भृगु झील भी जम गई है।  23 सितंबर को हुई भारी बर्फबारी से लाहुल घाटी में भी इन दिनों रात को पारा माइनस के पार जा रहा है। तापमान के लुढ़कते ही लाहुल घाटी में सर्दियों का आगाज पहले ही हो गया है। लाहुल घाटी में समय से पहले ही बर्फबारी होने से किसानों बागवानों की दिकत्तें बढ़ गई है।

दूसरी ओर, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रोज हो रही बर्फबारी से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली लेह मार्ग भी पारा गिरते ही ठंड से (पथर) होने लगा है। इस मार्ग पर 15 अक्टूबर को प्रशासनिक तौर पर मार्ग बंद होता था लेकिन इस बार अभी से मार्ग बंद हो गया है। बर्फबारी को देखते हुए बीआरओ ने भी सरचू, भरतपुर सिटी, बारालाचा, जिंगजिंगबार ओर पटसेउ से अपना काम समेट लिया है।

पर्यटन करोवरियो का भी समय स पहले कारोबार सिमट गया है। लाहुल के ट्रेकर विशाल और दोरजे ने बताया कि पारा माईनस में जाने से घाटी की झीले जम गई है। उन्होंने बताया कि घाटी में भी पारा माईनस पर लुढ़कने लगा है।

बीआरओ कमांडर कर्नल एके अवस्थी ने बताया कि बर्फबारी होने स लेह मार्ग जम गया है । उन्होंस बताया कि बीआरओ ने लेह मार्ग पर फिलहाल अपना काम समेत लिया है।

मनाली की वशिष्ठ की पहाड़ी में स्थित भृगु झील।

जानें, कौन सी झील कहां स्थित है
सुरजताल झील लगभग 4800 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। यह भाग नदी के उदगम स्थल बारालाचा दर्रे के समीप है।

चंद्रताल झील लगभग 4300 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। इसे लोहित्य सरोवर के नाम से भी जाना जाता है।
ढंखर झील झील स्पीति घाटी में स्थित है। यह झील ढंखर गांव के समीप है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 4270 मी. है।

मानतलाई झील पार्वती घाटी में स्थित है। पार्वती नदी का उदगम स्थल इसी झील से होता है। पार्वती नदी व्यास नदी की सहायक नदी है।इस झील के आस पास मुख्यता चीड़ व देवदार के वृक्ष है।

भृगु झील ऋषि भृगु को समर्पित है ऐसी मान्यता है, उन्होंने यहां पर तपस्या की थी। यह 4300 मी. की ऊंचाई पर स्थित है।यह गुलाब गांव से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस झील को वशिष्ट (पानी के गरम चश्मे )के रास्तेे भी जाया जा सकता है।

दशहर झील रोहतांग दर्रे के समीप स्थित है। इस झील से हनुमान का टिब्बा (चोटी) दिखाई देता है। यहां का दृश्य बड़ा ही सुंदर तथा मन को प्रसन्न करने वाला है।

सरवालसर झील बंजार उपमंडल में स्थित है। इस झील के किनारे एक मंंदिर है, जो बुद्धि नागिन को समर्पित है। ऐसे मान्यता है कि बुद्धि नागिन 60 नाग देवतायों की माता है। यहां का दृश्य बड़ा ही रमणीय है व यहां आ कर जन्नत का एहसास होता है।

रोहतांग जा सकेंगे सैलानी
वहीं, बीआरओ ने रोहतांग दर्रे से बर्फ हटाकर व मार्ग को दुरुस्त कर दोनों तरफ से यातायात बहाल कर दिया है। जिला प्रशासन ने रोहतांग दर्रे को सैलानियों के लिए बहाल कर दिया है। प्रशासन रोहतांग की साइट को शीघ्र ही बुकिंग के लिए खोल रहा है व सैलानी सोमवार से रोहतांग दर्रे के दीदार कर सकते हैं। सैलानी ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर रोहतांग जा सकेंगे। हालांकि गुलाबा से आगे सैलानियों की आवाजाही मौसम पर ही निर्भर रहेगी।

मनाली आने वाले देश भर के सैलानी रोहतांग परमिट नामक साइट से 550 रुपये फीस देकर ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर सकते हैं। एक दिन में 800 पेट्रोल और 400 डीजल इंजन वाहन ही रोहतांग जा सकेंगे।होटल व्यवसायी सुशील, रवि व्यास और बंशी का कहना है देशभर के सैलानी रोहतांग बहाली का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया रोहतांग बहाल होने की खबर सुनकर सैलानी अधिक संख्या में मनाली का रुख करेंगे। बीआरओ कमांडर कर्नल एके अवस्थी ने बताया बीआरओ ने रोहतांग में सड़क को डबललेन तैयार कर लिया है। दोनों ओर से वाहन आरपार हो सकेंगे। कुछ जगह सड़क धंसने से सड़क वन-वे है, जिस वजह से दिक्कतें हो सकती हैं। बीआरओ रोहतांग दर्रे में वाहनों की आवाजाही सुचारू रखने को प्रयासरत है।

सैलानियों की सुविधा के लिए प्रशासन सोमवार से रोहतांग को बहाल करने जा रहा है। ऑनलाइन परमिट के लिए शीघ्र ही रोहतांग परमिट नामक साइट को खोला जा रहा है। वाहन चालक ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर सोमवार से रोहतांग जा सकते हैं। 1200 वाहनों को ही प्रतिदिन रोहतांग जाने की अनुमति रहेगी।
-रमन घरसंगी, एसडीएम, मनाली।
 


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