गुशैणी में सड़क के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल
योगराज नेगी गुशैणी वीरवार सुबह बंजार उपमंडल के फरयाड़ी वरांधी मोड़ पर हुए हादस
योगराज नेगी, गुशैणी
बंजार उपमंडल के फरयाड़ी वरांधी मोड़ पर वीरवार सुबह हुए हादसे ने फिर सर्पीली सड़कों पर क्रैश बैरियरों की कमी को उजागर किया है। बंजार हादसे के 21 दिन बाद हुए इस हादसे ने एक बार फिर तीखे मोड़ों पर क्रैश बैरियर के महत्व को उजागर किया है, लेकिन गहरी निद्रा में सोये पीडब्ल्यूडी हादसों के बाद भी नींद से नहीं जाग रहे हैं। यही कारण है कि अगर तीखे फरयाड़ी वरांधी मोड़ जहां से कार गिरी वहां पर पहले क्रैश बैरियर या पैरापिट होते तो शायद दो जाने बच जाती। वहीं इस हादसे ने एक बार फिर गुशैणी पीएचसी की बदहाल व्यवस्था की पोल खोल दी। यहां घायलों को प्राथमिक उपचार भी सही से नहीं मिल पाया।
जानकारी के मुताबिक सुबह 7.30 बजे के करीब मारूति-800 कार के खाई में गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों नरोत्तम ठाकुर, मुरारी लाल शर्मा, ज्वाला सिंह, कारदार पप्पू शर्मा, आशू शर्मा, सुमित, पंडित बनवारी लाल, बहादुर सिंह कमाल सिंह, कपाल सिंह, रोशनी देवी, ममता ठाकुर, संगीता देवी, महेंद्र सिंह का कहना है कि अगर मोड़ पर पैरापिट होते तो शायद दो जिदगियां बच जाती। इनका कहना है बंजार बठाहड 20 किमी सड़क संकरी है तथा पूरी सड़क के किनारे कहीं पैरापिट नहीं है।
बंजार भेऊट मोड़ बस हादसे से न प्रशासन ने सबक सीखा न ही सरकार जागी। गुशैणी पीएचसी में भी स्टाफ की कमी के कारण घायलों को प्राथमिक उपचार भी ढंग से नहीं मिल पाया। जिस कारण उनको बंजार भेजना पड़ा। टेक राम, सीता राम, पवन, नवल ठाकुर, यज्ञ चंद, हरी सिंह, धनी राम, महेंद्र ठाकुर, विद्या देवी, चन्द्रा देवी, लीलाबती, राम रत्न, मेहर चंद, जीत राम, इंद्र सिंह, धनेश्वर प्रसाद आदि का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री भी जनमंच में 15 दिन के भीतर डाक्टर देने की घोषणा तो कर गए लेकिन आज तक यहां डॉक्टर नहीं पहुंचा है। इस कारण लोगों में रोष है।
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हादसे वाली जगह को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया जाता है। जहां हादसा नहीं हुआ। वह ब्लैक स्पॉट प्रशासन नहीं मानता है। क्रैश बैरियर लगाने के लिए जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-चमन ठाकुर, अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी बंजार।
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गुशैणी में रिक्त चल रहे पद कमीशन के तहत भरे जाएंगे। फार्मासिस्ट का तबादला होने के कारण पद रिक्त है तथा बंजार में स्टाफ की कमी के कारण स्टाफ नर्स की ड्यूटी वहां लगाई गई है।
-डॉ. सुशील चंद्र, सीएमओ कुल्लू।