दशहरा उत्सव में न बुलाने पर देवी-देवताओं ने जताई नाराजगी
संवाद सहयोगी कुल्लू अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में न बुलाए जाने पर देवी-देवताओं ने न
संवाद सहयोगी, कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में न बुलाए जाने पर देवी-देवताओं ने नाराजगी जताई है। कोरोना महामारी के चलते दशहरा उत्सव कमेटी ने सीमित आयोजन का निर्णय लिया था। रघुनाथ जी के अलावा जिले के सिर्फ सात देवी-देवताओं को बुलाया गया था। हालांकि अब 14 देवी-देवता पहुंच चुके हैं।
जिले के सभी देवी-देवताओं को उत्सव में न बुलाने पर शुक्रवार को गूरों के माध्यम से नाराजगी जाहिर की है। कहा कि इंसान देवी-देवताओं से बड़े हो गए हैं और देवी-देवता अपने ही घर में बेगाने हो गए हैं। मुहल्ले के बाद देवता धूंबल नाग, सोयल की देवी कोटली, फोजल के देवता वीरनाथ व शिवराड़ी नारायण अपने अस्थायी शिविर में नहीं आए। धूंबल नाग ने सभी देवताओं को एकत्र किया और उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां पर दशहरा उत्सव में सभी देवी-देवताओं को न बुलाने पर दशहरा कमेटी से नाराजगी जताई। उन्होंने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपने गूरों के माध्यम से कहा कि देवी-देवताओं पर कैसा प्रतिबंध, कुल्लू जिले में अन्य राज्यों से पर्यटकों को बुलाया जा रहा है। इसके बावजूद दशहरा उत्सव में देवी-देवताओं के आने पर रोक लगाई गई। देवी-देवताओं ने यह भी कहा कि कारकूनों के कोविड टेस्ट करवाए गए, लेकिन अन्य राज्यों से आ रहे पर्यटकों के कोविड टेस्ट नहीं करवाए जा रहे हैं। देवताओं ने कहा कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।
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देवताओं ने उठाई जगती की मांग
दशहरा उत्सव कमेटी से नाराज सभी देवी-देवताओं ने अपने गूरों के माध्यम से देव अदालत (जगती) की मांग उठाई है। देवी-देवताओं ने इसके लिए आदेश दे दिए हैं। भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि देवी-देवता नाराज हैं। हम इसके लिए माफी मांग रहे हैं। देवी-देवता जगती के लिए कह रहे हैं।