इस बार सीमित होगा कुल्लू दशहरा उत्सव का आयोजन
संवाद सहयोगी कुल्लू अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आयोजन इस बार सीमित होगा। सिर्फ छह
संवाद सहयोगी, कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आयोजन इस बार सीमित होगा। सिर्फ छह-साथ देवी-देवताओं के चिह्न के साथ परंपरा का निर्वहन होगा। भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में 100 लोग शामिल होंगे। जिले के अन्य देवी-देवता इसमें भाग नहीं लेंगे। सांस्कृतिक संध्याओं का भी आयोजन नहीं होगा।
यह निर्णय दशहरा उत्सव आयोजन समिति की सोमवार को शिक्षा मंत्री एवं दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक में लिया गया। बैठक में दशहरा समिति की उपाध्यक्ष एवं उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा के अलावा भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, एसडीएम कुल्लू डा. अमित गुलेरिया, नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत और कारदार संघ के पदाधिकारी व दशहरा कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। इस साल 25 से 31 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले दशहरा उत्सव में इस बार भगवान रघुनाथ के साथ मात्र छह या सात देवी-देवताओं जिनमें माता हिडिबा, बिजली महादेव, त्रिपुरा सुंदरी, लक्ष्मी नारायण रैला, जमदग्नि ऋषि, आदि बह्मा जी इत्यादि के चिह्न शामिल होंगे। सात दिन तक भगवान रघुनाथ की परंपरा का निर्वहन पहले की ही तरह होगा।
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रघुनाथ की रथयात्रा निकलेगी
कोरोना महामारी के कारण दशहरा उत्सव का आयोजन बड़े स्तर पर नहीं हो सकता। भगवान रघुनाथ रथयात्रा हर साल की तरह इस साल भी निकलेगी। सात दिन के बाद लंकादहन के साथ ही दशहरा उत्सव का समापन होगा, लेकिन मात्र 100 ही लोग रथ यात्रा में भाग लेंगे। साथ ही छह या सात देवी-देवताओं देवरथों के स्थान पर उनके चिह्न उत्सव में परंपरा निभाने के लिए शामिल होंगे। पांच दिन तक निकाली जाने वाली नृसिंह की जलेब भी बिलकुल सूक्ष्म रूप से निकाली जाएगी। देवी-देवता को आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
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48 घंटे पहले कोरोना जांच जरूरी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत सरकार के निर्देशों का पालन किया जाएगा। रथयात्रा में भाग लेने वाले 100 लोगों की 48 घंटे पहले कोराना जांच को सुनिश्चित किया जाएगा।
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नहीं होंगी व्यापारिक गतिविधियां व सांस्कृतिक कार्यक्रम
लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे। दशहरा उत्सव के दौरान ढालपुर मैदान, खेल मैदान अथवा प्रदर्शनी मैदान कहीं पर भी किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी। लोग भीड़ इकट्ठी नहीं कर सकेंगे।
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कोरोना महामारी के चलते इस बार बड़े स्तर पर अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन करने की बजाय सीमित उत्सव मनाया जाएगा। उत्सव से जुड़ी सभी देव परंपराओं का निर्वहन होगा और रथयात्रा में भी 100 ही लोग भाग लेंगे। कोई भी व्यापारिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन नहीं होगा।
-गोविंद सिंह ठाकुर, शिक्षा मंत्री एवं दशहरा उत्स्व समिति के अध्यक्ष।