जैविक खेती को बढ़ावा दें किसान
गोविद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान क्षेत्रीय केंद्र मौहल कुल्लू की ओर से तीर्थन घाटी के सरची गांव में औषधीय पौधों की जैविक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।
संवाद सहयोगी, गुशैणी : गोविद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान क्षेत्रीय केंद्र मौहल कुल्लू की ओर से तीर्थन घाटी के सरची गांव में औषधीय पौधों की जैविक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में सरची गांव के जागरूक किसानों ने हिस्सा लिया है। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केएस कनवाल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के जैव प्रोद्योगिकी विभाग की वित्त पोषित परियोजना के तहत किया जा रहा हैं। कार्यशाला में चिरायता (स्वेर्टिया चिरायता) एवं कडू (पिक्रोराइ•ा कुरुआ) पौधों की कृषि, औषधि उपयोग, खेती उपरांत प्रसंस्करण, मार्केटिंग आदि की जानकारी प्रतिभागियों को दी।
डॉ. कनवाल ने प्रतिभागियों को बताया की परियोजना के तहत कुल्लू जिले के विभिन्न गांवो में किसानों को उपरोक्त औषधीय पौधों की जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और संस्थान भविष्य में झंडू हेल्थकेयर, गुजरात के सहयोग से औषधीय पौधों की खरीदारी में भी किसानों को मदद करेगा। संस्थान के डॉ. किशोर कुमार ने औषधि पौधों की खेती के महत्व को प्रतिभागियों को समझाया। ग्राम पंचायत सरची के पूर्व प्रधान जीवन लाल ने संस्थान से आए विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।इस मौके पर संस्थान की ओर से डॉ. कौशल्या कपूर और विकास शर्मा, कर्मदास, खेम चंद, चुनी लाल के अलावा सरची पंचायत के पूर्व प्रधान जीवन लाल, पूर्व प्रधान गुमत्त राम, कुर्मदत, धनवंत सिंह, बहादुर सिंह, हीरा लाल, तेजा सिंह, गोपाल कृष्ण, जगदेव, होनी पालसरा, सुंदर सिंह, खुशहाल शर्मा, लेद राम, राकेश कुमार, बिदु देवी, निलमा देवी, डोलमा देवी ने हिस्सा लिया है।