मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन
श्रम कानूनों में बदलाव सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने व किसान विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ सीटू और किसान सभा ने जिला कुल्लू के विभिन्न स्थानों पर नौ और दस अगस्त को विरोध जताया।
संवाद सहयोगी, कुल्लू : श्रम कानूनों में बदलाव, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने व किसान विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ सीटू और किसान सभा ने जिला कुल्लू के विभिन्न स्थानों पर नौ और दस अगस्त को विरोध जताया। सीटू व किसान सभा द्वारा कुल्लू में उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को मजदूरों व किसानों की मांगों का ज्ञापन भेजा गया।
सीटू के जिला महासचिव राजेश ठाकुर व हिमाचल किसान सभा के जिला सचिव होतम सौंखला ने कहा कि आज देश में 14 करोड़ मजदूरों की छंटनी हो गई है और किसानों की दशा भी दर्दनाक हो गई है, लेकिन केंद्र सरकार मजदूरों व किसानों को राहत देने की बजाय मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। इसमें शोषण बढ़ जाएगा और पूंजीपतियों को शोषण करने की खुली छूट मिलेगी। केंद्र सरकार किसानों के लिए तीन अध्यादेश लाई है जोकि पूरी तरह से किसान विरोधी हैं। ये बदलाव बड़े कॉरपोरेट और पूंजिपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। सीटू और हिमाचल किसान सभा मांग करती है कि श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तनों पर शीघ्र रोक लगाई जाए। मनरेगा में 200 दिन का रोजगार व न्यूनतम वेतन लागू किया जाए। किसान व मजदूर परिवार को 7500 रुपये मासिक सहायता दी जाए। प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन दिया जाए। किसानों को फसल की लागत का 50 फीसद अधिक दाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन मांगों पर शीघ्र गौर नहीं करेगी तो मजदूर किसान आने वाले समय में पूरे देश में आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर जिले के ग्रामीण इलाकों न्योली पंचायत, गड़सा, किजा, मणिकर्ण घाटी के शारणी गांव में भी प्रदर्शन किया।