कोरोनाकाल में नाट्य कार्यशाला के जरिए बच्चों की पढ़ाई में मदद कर रहे जीवानंद चौहान
रंगकर्मी जीवानंद चौहान बच्चों के साथ नाट्य कार्यशाला का आयोजन कर उनके पढ़ने में मदद कर रहे हैं
नग्गर,जेएनएन। आज की कोरोना काल की स्थिति में जब बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और गांव के बच्चे जो ऑनलाइन पढ़ाई की तकनीक का भी उपयुक्त फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में कुल्लू ज़िला के पाहनाला घाटी स्थित सुदूर गांव भुलंग में रंगकर्मी जीवानंद चौहान वहां के बच्चों के साथ नाट्य कार्यशाला का आयोजन कर उनके पढ़ने में मदद कर रहे हैं। उनके पाठ्यक्रम आधारित नाटक तैयार कर रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ने में रूचि उत्पन्न हो जाए। जीवानंद का कहना है कि उन्होंने दो साल पहले गांव के बच्चों के व्यक्तित्व के विकास को देखते हुए एक ‘रेनबो थिएटर एंड आर्ट क्लब’ नामक थिएटर ग्रुप की स्थापना की और हर वर्ष बच्चों के साथ नाट्य कार्यशाला करके छोटे-छोटे नाटक तैयार कर जगह जगह पर उनका मंचन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट देखा गया कि जिन बच्चों ने नाट्य गतिविधि में भाग लिया उनके व्यक्तित्व में बदलाव आया है। इस वर्ष मुझे यह नाट्य कार्यशाला और भी आवश्यक लगी जब बच्चों के पास किसी भी तरह की गतिविधि नहीं है। ऐसे में मैंने ग्रामीणों की अनुमति से शारीरिक दूरी का पालन करते हुए गांव के इन बच्चों के लिए उनके पाठ्यक्रम आधारित कार्यशाला का आयोजन कर रहा हूं। जो इन्हें पढ़ने में मदद दे रही है। इस कार्यशाला में दुनी चंद, सोनिया, निशा, किरना देवी, सेना, जतिन, अक्षिता, सौरव, दीपांकर, हितियाशा, दिव्या, इशिता, तारा देवी, चांदनी और हिमांशी आदि दूसरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के 15 बच्चे भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के अंत में एक नाटक भी तैयार किया जाएगा। इसका प्रदर्शन गांव में किसी खुले स्थान पर किया जाएगा। इससे देखने वालों को भी शारीरिक दूरी नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। जीवानंद स्थानीय संस्था ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन से पिछले 12 वर्षों से जुड़े हैं और प्रसिद्व रंगकर्मी केहर सिंह ठाकुर द्वारा प्रशिक्षित हैं तथा भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से लोकनाट्यों के लिए नेशलन टेलेंट स्कॉलरशिप होल्डर हैं।