कल्पना की कला का हर कोई कायल
मनाली की कल्पना ठाकुर कूड़े-कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां और गहने तैयार करती हैं।
मनाली, जेएनएन। एक ओर जहां कूड़ा कचरा हर किसी की दिक्कत का कारण बन हुआ है, वहीं दूसरी ओर मनाली की कल्पना ठाकुर कूड़े-कचरे को बोझ न समझकर इससे घर का सजावटी सामान बना रही हैं। कल्पना ठोस कचरे विशेषकर प्लास्टिक के कूड़े का दोबारा उपयोग व इस कबाड़ से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार कर रही हैं। वह लोगों को भी जागरूक कर रही हैं। अब लोग कूड़ा फेंकने से पहले उसकी उपयोगिता के बारे में एक बार जरूर सोचते हैं। कलाकृतियां बनाने में महारत हासिल कर चुकी कल्पना प्लास्टिक-पॉलीथीन को रिसाइकिल करके इसे कलाकृतियों में तबदील कर रही हैं। अंडे की ट्रे से श्रृंगार के लिए गहने तैयार किए जाते हैं।
क्या कहती हैं कल्पना
1997 के बीच जब नगर पंचायत मनाली ने प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाना आरंभ किया तब नगर पंचायत के प्रति नाराजगी हुई। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव की समझ आने पर इसके प्रति अलग नजरिया रखा। 2003 में पर्यटक हमारे होटल में ठहरे, जिनसे गाड़ी के धुएं व प्लास्टिक को लेकर बहस हुई। एक पत्रिका में छपे लेख में अपना जिक्र सुनकर हैरान हो गई। उसी पर्यटक ने मेरी तारीफ की व लिखा की गांव की महिला से उन्हें पर्यावरण की सीख दी है। इससे प्रेरित होकर अपनी कोशिशों में लगी रही। प्लास्टिक, बोतल, रद्दी, चम्मच व कप सभी पर हाथ दिखाना आरंभ किया। इससे डेकोरेशन पीस, गमले व पुन: प्रयोग की सामग्री सामने आने लगी।
पति ने मेरे जुनून को समझा और मेरा साथ देना शुरू कर दिया। 2015 में हिमाचल एक्सलेंस अवार्ड से सम्मानित हुई। इसके बाद मनाली में पर्यावरण से जुड़े एक एनजीओ का गठन किया। देश-विदेश के हर मंच से पर्यावरण व घर के कचरे को पुन: प्रयोग करने का संदेश दिया। चीन में एक संस्थान ने ग्रीन लेडी का खिताब दिया। वर्ष 2017 में मिसेज इंडिया, मिसेज एशिया इंटरनेशनल व मिसेज हिमाचल प्रदेश बनी।