हाथोंहाथ बिका अर्ली वैरायटी का सेब
संवाद सहयोगी कुल्लू कुल्लू की मंडियों में प्लम व नाशपाती के बाद अर्ली वैरायटी का सेब भी प
संवाद सहयोगी, कुल्लू : कुल्लू की मंडियों में प्लम व नाशपाती के बाद अर्ली वैरायटी का सेब भी पहुंचने लगा है। सोमवार को खेगसू सब्जी मंडी में अर्ली वैरायटी के 10 किलोग्राम की 15 पेटियां पहुंची थीं। इसके बागवानों को 400 रुपये से 1500 रुपये तक दाम मिले। रविवार को भी मंडी में सेब पहुंचा था। बागवानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं।
जिले में 15 जुलाई के बाद सेब सीजन शुरू होगा, लेकिन निचले इलाकों में सेब तुड़ान जल्द शुरू हो जाता है। ऊंचाई वाले इलाकों में नवंबर तक सेब सीजन चलता है। अभी अर्ली वैरायटी टाइटमैन, रेड जून सेब मंडियों में पहुंच रहा है। जिले में अर्ली वैरायटी सेब की फसल कम है। जिले में बागवानों का रुझान अब सेब की अर्ली स्पर वैरायटी की ओर कुछ साल में ज्यादा दिखा है। अब स्पर वैरायटी का सेब भी मार्केट में आना शुरू हो जाएगा। इस बार घाटी में सेब की बंपर पैदावार है। 24919.50 हेक्टेयर भूमि पर सामान्य किस्म के सेब बगीचे
कुल्लू जिले में 24919.50 हेक्टेयर भूमि पर सामान्य किस्म के सेब बगीचे हैं। 2290.37 हेक्टेयर भूमि पर सेब की स्पर किस्मों की पैदावार होती है। जिले में 2158.40 हेक्टेयर भूमि पर प्लम, 383.45 हेक्टेयर भूमि पर नाशपाती, 403.20 हेक्टेयर भूमि पर अनार, 216.20 हेक्टेयर भूमि पर जापानी फल, व 747 हेक्टेयर भूमि पर अन्य फलों का उत्पादन होता है। जिले में 31118.12 हेक्टेयर भूमि पर 99699.57 टन फलों का उत्पादन होता है। इन वैरायटी के सेब का होता है उत्पादन
कुल्लू जिले में बागवान सेब की सुपरचीफ, रेड विलोक्स, रेड गाला, स्कारलेट, जेरोमाइन, वाशिगटन स्पर वैरायटी को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इन वैरायटी के पौधे तीन-चार साल में ही फसल देनी शुरू कर देते हैं। कुछ साल से बागवान इन विदेशी वैरायटी के सेब को लगा रहे हैं। रायल सेब की सामान्य किस्में अब धीरे धीरे कम होती जा रही हैं। कुल्लू जिले की खेगसू मंडी में सेब की अर्ली वैरायटी ने दस्तक दे दी है। इसके बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। बागवानों को कोई समस्या न हो इसका प्रयास किया जाएगा।
-अमर ठाकुर, अध्यक्ष एपीएमसी कुल्लू लाहुल। सेब सीजन की तैयारियों को लेकर बैठक 30 को
संवाद सहयोगी, आनी : सेब सीजन की तैयारियों को लेकर एसडीएम मनमोहन सिंह 30 जून को प्रशासन की बागवानों, विभिन्न विभागों के विभागाधिकारियों, ट्रक और पिकअप यूनियन के प्रतिनिधियों, फारवर्डिंग एजेंटों, चुने गए जनप्रतिनिधियों और पंचायती राज प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें सेब सीजन और मानसून सत्र के चलते ग्रामीण दुर्गम क्षेत्रों की सड़कें दुरुस्त करने, बिजली पानी आदि की आपूर्ति सुचारू रखने, यातायात व्यवस्था बनाए रखने आदि को लेकर चर्चा की जाएगी।