परंपराओं का होगा निर्वहन : गोविद ठाकुर
संवाद सहयोगी कुल्लू सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की तैयारियों को अंतिम रू
संवाद सहयोगी, कुल्लू : सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। कोरोना महामारी के कारण सीमित आयोजन हो रहा है, लेकिन सभी परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। शुक्रवार को कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री एवं दशहरा उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि आयोजन का सीधा प्रसारण किया जाएगा। लोग घर बैठे इसे देख सकेंगे।
गोविद ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में धर्मिक तथा अन्य अन्य बड़े-बड़े आयोजनों को या तो स्थगित कर दिया गया या सीमित आयोजन हो रहा है, ताकि कोरोना के संक्रमण से बचा जजा सके। कुल्लू दशहरा का अलग महत्व है। देवी-देवताओं का इतना भव्य और विशाल महामिलन और कहीं पर भी देखने को नहीं मिलता है। कुल्लू का दशहरा महज एक उत्सव नहीं है, बल्कि यहां की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। समस्त देव समाज की सहमति के उपरांत इस बार दशहरा के स्वरूप को सूक्ष्म किया गया है। इससे परंपरा की भी बेहतर ढंग से निर्वहन होगा और समाज तथा दुनिया में भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा। कुल्लू दशहरा का शुभारंभ 25 अक्टूबर को भगवान श्री रघुनाथ जी रथयात्रा निकलने के साथ हो जाएगा। 31 अक्टूबर को इस सात दिवसीय ऐतिहासिक उत्सव का लंकादहन के साथ समापन होगा। इस बार भगवान रघुनाथ जी रथ यात्रा में जिला के सात ही देवताओं को शामिल किया जाएगा। रथ यात्रा में केवल वहीं व्यक्ति भाग लेगा जिसका कोरोना टेस्ट नेगेटिव होगा और भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों को प्रवेश पास जारी किए जाएंगे। इस दौरान उपायुक्त कुल्लू डा. ऋचा वर्मा भी मौजूद थीं।