मनाली में 50 होटलों के कटे बिजली-पानी के कनेक्शन
मनाली के 50 होटलों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं, जिससे होटल कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
मनाली, जागरण संवाददाता। पर्यटन नगरी मनाली में क्रिसमस व न्यू ईयर मनाने की तैयारी में बैठे होटल कारोबारियों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर मापदंड पूरे न करने वाले होटल कारोबारियों पर प्रशासन ने शिकंजा कसा है।
मनाली के 50 होटलों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं, जिससे होटल कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। बिजली और पानी के कनेक्शन कटने वाले होटलों में वे होटल भी शामिल हैं, जिन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की न तो औपचारिकताएं पूरी की हैं और न ही 2007 से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण करवाया है। ऐसे में इन होटल प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
एसडीएम मनाली एचआर बैरवा ने बताया कि मनाली में 50 होटलों के बिजली और पानी के कनेक्शन काटे गए हैं। मापदंड पूरे न करने वाले होटल कारोबारियों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश पर मनाली में कार्रवाई की जा रही है। बिना पंजीकरण व नियमों को पूरा न करने वाले होटल कारोबारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, होटलों में बिजली और पानी के कनेक्शन कटने से होटलों में अंधेरा छा गया है। होटलों पर कार्रवाई से अन्य होटल कारोबारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
अवैध व अनधिकृत निर्माण पर शिकंजा पर्यटन स्थल कुल्लू-मनाली के विभिन्न क्षेत्रों में आजकल अवैध व अनधिकृत निर्माण पर प्रशासन की संयुक्त टीम ने शिकंजा कस रखा है। इसके चलते होटल, गेस्ट हाउस व लॉज मालिकों में हड़कंप है। कुल्लू के जिला प्रशासन की अध्यक्षता में संबंधित विभागों की संयुक्त टीम यह कार्रवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद कर रही है।
पहले तो दिसंबर के प्रथम सप्ताह में कसोल के अंदर एक साथ 42 होटल व गेस्टहाउस सहित रेस्तरां व दुकानों तक को सीलबंद किया गया। इनमें कुछ होटल, गेस्टहाउस, रेस्तरां व दुकानें अवैध या अनधिकृत तौर पर बनाई गई थीं। किसी के पास होटल चलाने का लाइसेंस नहीं था, किसी ने वन भूमि या किसी अन्य विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था, तो किसी के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा पर्यटन विभाग से संबंधित कागजात अधूरे थे। कुछ दुकानों को भी अवैध तौर पर खड़ा कर दिया गया था। इसके चलते कोर्ट के आदेश पर गठित संयुक्त कमेटी ने पहले तो कसोल क्षेत्र का दौरा करके जांच की और ऐसे भवन मालिकों को नोटिस दिए, लेकिन बाद में ऐसे 42 प्रतिष्ठानों को बंद ही कर दिया गया। इसे लेकर कुल्लू के एसडीएम सन्नी शर्मा का कहना था कि प्रशासन की टीम सभी स्थानों पर जांच-पड़ताल कर रही है, जिसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर ऊपर तक भेजी जा रही है।
इसके बाद मणिकर्ण वैली के कटागला व छलाल इलाकों में भी जांच के दौरान 22 होटल व लॉज अनियमित पाए गए, जिन्हें प्रशासन की ओर से नोटिस थमाए गए हैं। इसी तरह अब सरकारी मापदंडों को दरकिनार करने वाले मनाली के 92 होटलों पर भी प्रशासन द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है। एनजीटी के आदेश पर एसडीएम मनाली द्वारा गठित कमेटी यहां 25 कमरों से अधिक वाले 92 होटलों की जांच कर रही है, जहां 42 जगह कमियां पाई जा रही हैं।
मनाली में अधिकतर होटल ऐसे पाए जा रहे हैं, जिनमें कमरों का निर्माण तो अधिक किया गया है, लेकिन पंजीकरण कम कमरों का करवाया गया है। कमेटी ऐसे होटलों को भी चिह्नित कर रही है जिन्होंने सालों से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कोई औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं। इसके अलावा कई बड़े होटलों ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के मापदंडों को दरकिनार कर निर्माण किया है। एसडीएम मनाली एचआर बैरवा ने बताया कि जो भी होटल तय
मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उनके संचालकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और इससे संतुष्ट न होने पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
वन भूमि पर किए कब्जों पर भी हो रही कार्रवाई
जिला के विभिन्न इलाकों में वन भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को लेकर भी कोर्ट के निर्देश केबाद कुल्लू का वन विभाग चौकस हो गया है। विभाग ने यहां रायसन व साथ लगते ऊझी घाटी केइलाके में बीते दिनों ही 31 बीघा भूमि को कब्जामुक्त किया है। वन विभाग की टीम ने क्षेत्र में चार मामलों में कार्रवाई करते हुए अवैध तौर से लगे सेब के लगभग 250 पौधों को नष्ट किया है। यहां के रेंज ऑफिसर बलदेव ने कहा कि विभाग द्वारा अन्य इलाकों में भी राजस्व विभाग के साथ डिमार्केशन कार्रवाई जा रही है और जांच पूरी होने पर कार्रवाई होगी।
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