पांच माह से शिशु राग विशेषज्ञ नहीं
कमलेश वर्मा कुल्लू कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक हो सकती है। बताया जा रहा है कि इससे
कमलेश वर्मा, कुल्लू
कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक हो सकती है। बताया जा रहा है कि इससे बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है। विडंबना तो यह है कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में शिशु रोग विशेषज्ञ ही नहीं है। यहां छोटी बीमारी के इलाज के लिए पहुंचने वाले बच्चों को भी मंडी के नेरचौक मेडिकल कालेज जाना पड़ता है या निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ता है। क्षेत्रीय अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के दो पद स्वीकृत हैं। पांच माह से दोनों पद खाली हैं।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में कुल्लू व लाहुल-स्पीति जिले के अलावा मंडी जिले के कुछ क्षेत्रों के लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहुंचते हैं। अस्पताल में विशेषज्ञों के 37 पद स्वीकृत हैं। 33 पदों पर विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ के दो पद पांच माह से रिक्त हैं। एक सर्जन व एक रेडियोलाजिस्ट ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है जिसके चलते यह दो पद भी खाली चल रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा दोनों चिकित्सकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं, लेकिन दोनों चिकित्सकों की सेवाएं बंद हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ न होने के कारण बच्चों के उपचार के लिए नेरचौक मेडिकल कालेज (मंडी) या निजी अस्पतालों की ओर रुख करना करना पड़ रहा है। इससे भारी-भरकम राशि खर्च करने के साथ ही समय की भी बर्बादी हो रही है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि शीघ्र अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के पदों को भरा जाए ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
-----------
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में शिशु रोग विशेषज्ञ के दो पद खाली हैं। विभागीय अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। विभाग जनता को हर तरह की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
-डा. नीना लाल, चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू ।
----------
ढालपुर मैदान में मुख्यमंत्री का चौपर उड़ाकर धूल व उसकी आवाज से मरीजों की दिक्कतें बढ़ाई जा रही हैं। अस्पताल में चिकित्सकों के पदों को भरने की ओर सरकार व स्थानीय नेता ध्यान नहीं दे रहे। क्षेत्रीय अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के पद नहीं भरे तो आंदोलन किया जाएगा।
-सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक कुल्लू सदर।