मनाली-लेह मार्ग बहाली में जुटा बीआरओ
जागरण संवाददाता मनाली सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दीपक परियोजना की 70 आरसीसी ने मनाली-ले
जागरण संवाददाता, मनाली : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दीपक परियोजना की 70 आरसीसी ने मनाली-लेह मार्ग को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया है। इस मार्ग की बहाली के लिए अटल टनल रोहतांग बीआरओ का सहारा बनी है। बीआरओ को अब 13,050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे से भी छुटकारा मिल गया है। हालांकि इस बार सर्दियों में बर्फबारी भी कम हुई है।
476 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग अब टनल बनने के बाद 430 किलोमीटर रह गया है। बीआरओ ने मनाली से 122 किलोमीटर दूर जिगजिगबार तक सड़क पहले ही बहाल रखी है। अब बीआरओ की टीम पूजा पाठ के बाद सरचू की ओर कूच कर गई है। 15 हजार फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे से वैकल्पिक सड़क के जरिए कारगिल को दो साल पहले ही मनाली से जोड़ दिया है। इससे भारतीय सेना को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पहुंचना अब और आसान हो गया है।
अटल टनल बनने से इस बार बीआरओ के 70 आरसीसी की राहें आसान हो गई है। इस बार 182 किलोमीटर लंबे मनाली-सरचू मार्ग पर करीब 122 किलोमीटर सड़क बहाल रखी है। अब मात्र 60 किमी सड़क बहाली ही शेष है। वहीं, लेह से भी हिमांक ने सड़क बहाली के कार्य जारी रखा है। बीआरओ की मानें तो मौसम साफ रहने की सूरत में पहली बार मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह लेह को मनाली से जोड़ देंगे। अटल टनल ने लाहुलियों के कष्ट का निवारण करने के साथ-साथ बीआरओ की भी राहें आसान की है। पिछले साल बीआरओ ने हवाई सेवा द्वारा मशीनरी सरचू पहुंचाई थी जबकि इस बार केलंग व उदयपुर की सड़कें सर्दियों में भी बहाल रहने से बीआरओ सहित लाहुल के लोगों को हवाई सेवा की जरूरत ही नहीं पड़ी है। पटसेउ तक सड़क बहाल होने से रक्षा भूभाग अनुसंधान के उपकेंद्र पटसेउ तक आवागमन सरल रहा है। यहां सर्दियों में भी संस्थान के वैज्ञानिक शोध करने में जुटे हुए हैं। अटल टनल बनने से अब संस्थान के अधिकारी भी हवाई सेवा पर निर्भर नहीं हैं।
बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया कि विधिवत पूजा कर मनाली-लेह मार्ग की बहाली शुरू कर दी गई है। मनाली-लेह सहित तांदी संसारी और ग्राम्फू-समदो मार्ग बहाली को भी गति दे दी है। लेह मार्ग सहित दारचा शिकुला-पदुम मार्ग की बहाली भी शुरू कर दी है। बीआरओ की 108 आरसीसी चीन सीमा से सटे समदो-ग्राम्फू मार्ग को बहाल करने में जुटी हुई है। बीआरओ सड़क बहाल करते हुए कुंजम दर्रे के पास पहुंच गया है।