मनाली-लेह मार्ग की बहाली में जुटा बीआरओ
अटल टनल रोहतांग के चलते सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह माग
जागरण संवाददाता, मनाली : अटल टनल रोहतांग के चलते सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग रिकॉर्ड समय में बहाल होने जा रहा है। बर्फ की मोटी परत काटकर बीआरओ बारालाचा की ओर बढ़ रहा है। अटल टनल रोहतांग बनने के बाद अब बारालाचा दर्रा ही बीआरओ के लिए बाधा बना है। रोहतांग दर्रे से छुटकारा मिलते ही बीआरओ की राहें आसान हो गई हैं। बारालाचा दर्रे में बर्फ अधिक है लेकिन बीआरओ की दीपक परियोजना का काफिला मनाली से जिगजिगबार से आगे निकल गया है। लेह की ओर से भी बीआरओ की हिमांक परियोजना ने सड़क बहाली शुरू कर दी है। लेह की ओर से तांगलागला और लाचुंगला दर्रे में इस बार बर्फबारी कम हुई है। दीपक परियोजना मनाली से सरचू जबकि हिमांक परियोजना लेह से सरचू तक सड़क बहाली करती है। इससे पहले लेह की ओर से सड़क बहाली करने वाली हिमांक परियोजना ही सरचू पहले पहुंची रही है लेकिन इस बार अटल टनल के चलते दीपक परियोजना हिमांक की अपेक्षा पहले सरचू पहुंच सकती है। बीआरओ की माने तो अटल टनल बनने के बाद 476 किमी लंबे मनाली लेह मार्ग की दूरी 46 किमी घटकर 430 किमी रह गई है। मनाली की ओर से सरचू तक 60 किमी सड़क बहाली शेष रह गई है। मौसम साफ रहा तो मार्च के आखिर में ही मनाली-लेह मार्ग बहाली का कार्य पूरा हो जाएगा। बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया की मनाली की ओर से सड़क बहाल करते हुए बीआरओ जिगजिगबार से आगे निकल गया है और बारालाचा दर्रे के समीप पहुंच गया है।