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मेहमान जी, देश की धरोहर को न पहुंचाएं नुकसान

जागरण संवाददाता मनाली देश के विकास में नया अध्याय जोड़ने वाली दस हजार फीट की ऊंचाई पर

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:30 PM (IST)
मेहमान जी, देश की धरोहर को न पहुंचाएं नुकसान
मेहमान जी, देश की धरोहर को न पहुंचाएं नुकसान

जागरण संवाददाता, मनाली : देश के विकास में नया अध्याय जोड़ने वाली दस हजार फीट की ऊंचाई पर बनी नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल रोहतांग किसी अजूबे से कम नहीं है। दुनिया में इतनी ऊंचाई पर बनी यह पहली सुरंग सैलानियों का आकर्षण बन गई है, लेकिन इसके भीतर बार-बार हुड़दंग मचाने से यह प्रश्न पैदा हो गया है कि आखिर पर्यटक जिन्हें देवभूमि में मेहमानों का दर्जा दिया जा रहा है वे कब समझदार बनेंगे।

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पर्यटक अटल टनल रोहतांग में गाड़ी खड़ी कर हुड़दंग मचा रहे हैं। आधुनिक उपकरणों से छेड़छाड़ कर देश की नुकसान पहुंचा रहे हैं। दो माह में पुलिस 25 पर्यटकों को गिरफ्तार कर चुकी है। दो पर्यटक वाहन जब्त किए हैं, जबकि 50 हजार का जुर्माना भी वसूला गया है।

तीन अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग को देश को समर्पित किया था। तबसे टनल को निहारने को लेकर पर्यटकों में होड़ है, लेकिन पर्यटकों की लापरवाही भारी पड़ रही है। सैलानियों को समझना होगा कि यह अटल टनल भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है। टनल बनने के बाद लद्दाख में तैनात सैनिकों से बेहतर संपर्क बना पाया है। उन्हें हथियार और रसद कम समय में पहुंचाई जा रही है।

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सीसीटीवी से 24 घंटे रखी जा रही नजर

टनल के दोनों ओर 28 पुलिस जवान दिन रात निगरानी करने के साथ-साथ ट्रेफिक व्यवस्था को देख रहे हैं। पुलिस हुड़दंगियों के साथ सख्ती से निपट रही है। सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे टनल के भीतर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो वाहन जब्त तथा 50 हजार जुर्माना भी वसूला गया है।

-गौरव सिंह, एसपी कुल्लू।

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150 इंजीनियर्स व 2500 मजदूरों ने दिन-रात किया है काम

अटल टनल रोहतांग भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है। टनल बनने के बाद लेह लद्दाख तक पहुंचना आसान हो गया है। टनल निर्माण में करीब 2500 मजदूर और 150 इंजीनियर्स दो शिफ्ट में काम करते थे। जून 2010 को शिलान्यास के बाद टनल का निर्माण कार्य 24 घंटे चलता रहा। सैलानियों से आग्रह है कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए इस आधुनिक टनल के रखरखाव में योगदान दें।

-केपी पुरसोथमन, चीफ इंजीनियर बीआरओ।


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