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खेतों में नमी, खेतीबाड़ी में जुटे किसान

संवाद सहयोगी कुल्लू सेब बहुल घाटी के बागवानों ने बगीचों का रूख करना आरंभ कर दिया है

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:10 PM (IST)
खेतों में नमी, खेतीबाड़ी में जुटे किसान
खेतों में नमी, खेतीबाड़ी में जुटे किसान

संवाद सहयोगी, कुल्लू : सेब बहुल घाटी के बागवानों ने बगीचों का रूख करना आरंभ कर दिया है। जिला कुल्लू में पिछले सप्ताह हुई बारिश व बर्फबारी के बाद से किसान व बागवान खेतीबाड़ी में जुट गए हैं। बारिश व बर्फबारी से खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है।

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कुल्लू में सेब, प्लम, अनार, नाशपाती, जापानी फल की अधिक मात्रा में पैदावार होते हैं। बर्फबारी व बारिश को देखते हुए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बगीचों में गड्ढे बनाने का काम शुरू हो गया है।

बागवान होतमराम, दीप ठाकुर, परणदास, सेवक राम, दीनदयाल, हरमेश लाल, सोहन सिंह, प्रताप ठाकुर, नरेश कुमार, वंटी, मेहर सिंह ने बताया कि इस साल समय पर बर्फबारी और बारिश हुई है। इस कारण खेती का कार्य प्रारंभ कर दिया है। हालांकि अभी तक सेब सहित अन्य फलदार पौधों की कांट-छांट व पू्रनिंग नहीं कर रहे हैं लेकिन अन्य खेती का कार्य शुरू कर दिया है।

उधर बागवानी विभाग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। अब बागवान विशेषज्ञों के दिशा निर्देशानुसार ही खेतों में कार्य कर रहे हैं। बागवान सेब के बगीचों में गोबर डाल रहे हैं। इस वर्ष जमीन में नमी बुहत है जिस कारण तैलिए बनाने में भी कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी।

उद्यान विभाग के विषय विशेषज्ञ उत्तम पराशर का कहना है कि विभाग की ओर से जारी शेड्यूल अनुसार ही कार्य करें। खाद मिट्टी की जांच और पत्तियों पत्तियों की जांच के बाद ही डालें। पत्ते झड़ने के बाद ही प्रूनिग का कार्य आरंभ करें। दिसंबर तक प्रूनिंग का कार्य शुरू कर सकते हैं।

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चिलिग ऑवर्स पूरे होने के संकेत

इस बार नवंबर में हुई बारिश और बर्फबारी के बाद सेब व अन्य फलदार पौधों के लिए चिलिग ऑवर्स भी पूरे होने की उम्मीद जग गई है। सेब की बेहतर पैदावार के लिए 1200 से 1400 घंटे चिलिग ऑवर्स होना जरूरी है। इससे सेब की फसल उम्दा और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी हो जाती है। हाल ही हुई बर्फबारी सेब चिलिग आवर्स के लिए संजीवनी का काम करेगी।


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