लाइव देख सकेंगे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा
संवाद सहयोगी कुल्लू दशहरा उत्सव में इस बार श्रद्धालु भगवान रधुनाथ की रथयात्रा के लाइव दर्शन
संवाद सहयोगी, कुल्लू : दशहरा उत्सव में इस बार श्रद्धालु भगवान रधुनाथ की रथयात्रा के लाइव दर्शन ही कर पाएंगे। कोरोना महामारी के दशहरा उत्सव में अधिक लोगों को आने की अनुमति नहीं होगी। भगवान रघुनाथ के रथ की डोर को खींचने व इसे स्पर्श करने के लिए श्रद्धालुओं में उत्सुकता रहती है। इस वर्ष प्रशासन रथयात्रा का टेलीविजन के माध्यम से सीधा प्रसारण करने की योजना बना रहा है। हालांकि अभी इसके लिए अनुमति लेना बाकी है।
भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि भगवान रघुनाथ के सालभर में 46 उत्सव मनाए जाते है। इनमें से चार उत्सव में भगवान रघुनाथ मंदिर परिसर से बाहर दिन के समय निकलते हैं और पांचवां उत्सव होलिका दहन में रात के समय मंदिर से बाहर निकलते हैं। इनमें दशहरा उत्सव, बसंत उत्सव, जल विहार व वन विहार ये चारों उत्सव ऐसे हैं जब भगवान रघुनाथ मंदिर से बाहर निकल कर दर्शन देते हैं। 25 अक्टूबर से इस बार कुल्लू के ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगज होगा।
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नहीं जलते रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद का पुलता नहीं जलाया जाता है। दशहरा उत्सव को कुल्लू के लोग शुभ मानते हैं। इस उत्सव का सातवें दिन लंका बेकर में लंका दहन के साथ समापन होता है।
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अष्टांग बलि से होता है समापन
दशहरा उत्सव की शुरुआत से समापन तक माता हिडिंबा कई परंपराओं का निर्वहन करती हैं। लंका दहन के दिन माता हिडिंबा को अष्टांग बलि दी जाती है। अष्टांग बलि क्षेत्र की सुख शांति के लिए राजपरिवार की ओर से प्रथा का निर्वहन किया जा रहा है।
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दश्हरा उत्सव को लेकर सोमवार को बैठक हुई है। रथयात्रा को लाइव करने के लिए पहले अनुमति ली जाएगी। इसके लिए जल्द योजना तैयार कर लाइव प्रशारण दिखाया जाएगा।
-डा. ऋचा वर्मा उपायुक्त कुल्लू।