तनावमुक्त रहने के लिए योग ही एक मात्र साधन
नित्य योग करने से ही संपूर्ण शरीर का शुद्दीकरण संभव है नशों से दूर तथा और दूषित वातावरण के चलते तनावमुक्त रहने के लिए योग ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम पूर्णतया स्वस्थ रह सकते हैं। ग ही सर्वसमाज को एकता के सूत्र में पिरो सकता है।
जसूर, जेएनएन। नित्य योग करने से ही संपूर्ण शरीर का शुद्दीकरण संभव है नशों से दूर तथा और दूषित वातावरण के चलते तनावमुक्त रहने के लिए योग ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम पूर्णतया स्वस्थ रह सकते हैं। यह विचार पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के मुख्य योग शिक्षक एवं आजीवन सदस्य रजनेश कुमार शर्मा द्वारा सोमवार को जसूर स्थित पथ परिवहन निगम की कर्मशाला में प्रशिक्षण ले रहे नवनियुक्त 34 चालकों को योग प्राणायाम की विभिन्न क्रियाओं द्वारा निरोग रहने के गुर सिखाते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान चालक समाज की सुरक्षा के लिए एक अहम कड़ी है यदि वह पूर्णतया निरोग रहे तभी वह सुरक्षित जनसेवा करने में सक्षम है इसके लिए योग सबसे उत्तम साधन है । योग करने से मानव तन में 72 करोड़,72 लाख ,10 हजार , 201 नाड़ियों की आंतरिक शक्ति को मजबूत करता है और फेफड़ों में करीब 7 करोड़ , 30 लाख छिद्रों में शुद्ध वायु का संचार करता है।
योग से व्यक्ति संपूर्ण निरोग , तनाव से मुक्त रहते हुए समाज के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित होता है । उन्होंने कहा कि योग ही सर्वसमाज को एकता के सूत्र में पिरो सकता है। प्रशिक्षक अमर चंद शर्मा ने चालकों को शिविर में योग क्रियाएं सिखाने के लिए योग शिक्षक रजनेश शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नवनियुक्त चालकों को योग को अपने जीवन में ढालने में शारीरिक व मानसिक तौर पर बहुत लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर रजनेश शर्मा ने चालकों को योग शिक्षा देने हेतू निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार व क्षेत्रीय प्रबंधक पंकज चड्डा का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योग में निपुण चालक भविष्य में निरोग रहकर उत्तम श्रेणी की जनसेवा करने में सक्षम होगा। रजनेश शर्मा अब तक 426 निःशुल्क योग शिविर लगा चुके हैं ।
शर्मा ने बताया कि 2004 में विश्व विख्यात योग स्वामी गुरु रामदेव से जुड़े थे और योगसेवा का संकल्प लिया था और निरंतर समाज मे योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। रजनेश शर्मा ने बताया कि वह 62 बार रक्तदान कर चुके हैं और मरणोपरांत देह दान करने की भी घोषणा कर चुके हैं । समाज के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा उन्हें योग से ही मिली है ।