प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में ठिठुर रहे मरीज, वार्डों में टूटे खिड़कियों के शीशे; कागज से ठंड रोकने की जुगत
Window Broken in TMC प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल के वार्डों में मरीज ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। वार्ड में खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं।
टांडा, जागरण संवाददाता। प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल के वार्डों में मरीज ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। वार्ड में खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं। अखबार लगाकर शीतलहर रोकने का प्रयास किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के गृह जिले में डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में ही ऐसे हालात हैं तो अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में क्या हाल होगा, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। कांगड़ा जिले में आजकल प्रचंड शीतलहर है। वार्डों को गर्म रखने की व्यवस्था न होने के कारण मरीजों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। इतना ही नहीं ईएनटी व ऑर्थो वार्डों के एसी भी खराब हैं। इस कारण परेशानी और बढ़ गई है।
शीशे टूटे होने के कारण खिड़कियों में अखबार लगाकर ठंडी हवा को रोकने का प्रयास किया गया है। बारिश व हवा चलने की स्थिति में अखबार फट जाती है। कई बार तो रात को तीमारदारों को और अखबार लगाने के लिए जूझना पड़ता है। तीमारदार शिकायत भी करते हैं, परंतु उनकी आवाज अस्पताल प्रशासन और सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पाती है।
अधिकारियों के कमरों के एसी क्यों नहीं होते खराब
तीमारदारों का आरोप है कि मरीजों से भेदभाव क्यों किया जाता है? अधिकारियों के कमरों के एसी क्यों खराब नहीं होते? पालमपुर निवासी शारदा, पंचरुखी निवासी दलजीत समेत अन्य ने बताया कि अधिकारियों के कमरों के एसी खराब हो जाएं तो दूसरे दिन ठीक हो जाते हैं। कई अधिकारियों ने तो कमरों में हीटर भी लगाए हैं, लेकिन वार्डों के एसी कई दिनों से खराब हैं। इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में वार्डों में तैनात स्टाफ को कोई बार अवगत करवाया जाता है, परंतु कोई कार्रवाई नहीं होती। सरकार समुचित स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे करती है, परंतु ऐसी कमियों को दूर करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
ठीक करवाए जाएंगे एसी : एमएस
पिछले वित्त वर्ष में सरकार की ओर से मुहैया करवाए गए बजट से सर्जरी, मेडिसिन व आइसीयू वार्डों के एसी ठीक करवा दिए गए हैं। नए साल में और बजट मिलने से ईएनटी, आर्थो व गायनी वार्ड के एसी ठीक करवाए जाएंगे। ईएनटी वार्ड में टूटे खिड़कियों के शीशे ठीक करवाए जाएंगे। -डॉ. सुरेंद्र सिंह भारद्वाज, चिकित्सा अधीक्षक टांडा मेडिकल कॉलेज।