ओलावृष्टि से मिट्टी में मिल गई गेहूं, नूरपुर क्षेत्र में 70 फीसद फसल तबाह; अधिकारी पहुंचे फील्ड में
नूरपुर में शनिवार को हुई जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण फलों सब्जियों और गेहूं की फसल को हुए भारी नुकसान ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है।
जसूर/नूरपुर, जेएनएन। उपमंडल नूरपुर की कुछ पंचायतों में शनिवार को हुई जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण फलों, सब्जियों और गेहूं की फसल को हुए भारी नुकसान ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है। कोरोना महामारी के कारण हुए लाकडाउन के चलते किसान वर्ग पहले ही बेहाल था। इस बार अधिकतर किसान गर्मियों की सब्जियां भी नहीं लगा पाए थे जो थोड़ी बहुत लगाई थी वो भी ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई। किसानों को अब पक कर तैयार हुई गेहूं की फसल से भारी उम्मीद थी तो फलों में आम, लीची, नाशपति, आडू आदि फलों से एकमात्र चार पैसे आमदनी होने की आशा थी जिससे उनका साल भरकर का खर्च और बैंकों के ऋण की अदायगी निर्भर थी। लेकिन शनिवार को आसमान से बरसी आफत ने किसानों बागवानों की उम्मीदें तार तार कर दी हैं।
आलम यह है कि आसमानी ओलों से खेतों में पक चुकी गेहूं की फसल के सिल्लों से गेहूं के दाने झड़कर जमीन पर हैं, तो इस बार नूरपुर क्षेत्र में आन ईय्यर के चलते आम की बम्पर फसल थी। भारी ओलावृष्टि के चलते 90 फीसदी आम की फसल भी तबाह हो गई है, जो दस फीसद फल बचा है उसका भी दागी हो जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। आम, लीची, नाशपाती का तो हाल यह है कि पेड़ों के नीचे अब फल और पत्तों के ही ढेर ही शेष रह गए हैं और पेड़ों पर इक्का दुक्का फल बचा है।
कुलमिलाकर नूरपुर क्षेत्र की छतरोली, कमनाला, नागबाड़ी व अन्य कुछ पंचायतों के दर्जनों गांव के किसान बागवान आसमान से आई आफत से बुरी तरह बर्वाद हुए हैं। रविवार को कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रभावित हुए गांवों का दौरा कर मौके की स्थिति का जायजा लिया और विभाग का भी मानना है कि प्रभावित क्षेत्रों में 70 फीसद गेहूं की फसल और सब्जियों के नुकसान का प्राथमिक आकलन है। वहीं आम व अन्य फलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
विभाग की माने तो नूरपूर खण्ड में लगभग 7500 हेक्टेयर भूमि पर प्रतिवर्ष गेहूं की फसल बोई जाती है, जिसमें प्रतिवर्ष 14 से 16 हजार मीट्रिक टन के बीच गेहूं की पैदावार होती है इस बार गेहूं की फसल जिलाभर में अच्छी थी।
सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
शनिवार को ओलावृष्टि के चलते नूरपुर क्षेत्र के प्रभावित गांवों का मौके पर जाकर मुआयना किया है प्रभावित गांवों में 70 फीसदी गेहूं की फसल तबाह होने का प्राथमिक आकलन है। किसान कार्ड धारकों की कृषि इंश्योरेंस के जरिये और संबंधित कंपनी से चर्चा कर नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। मुआवजा सरकार तय करेगी। -एसके धीमान, उपनिदेशक कृषि विभाग पालमपुर जिला कांगड़ा।
मुख्यमंत्री से उठाएंगे मामला
नूरपुर क्षेत्र के तहत आती कुछेक पंचायतों में ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान की रिपोर्ट बनाने के आदेश विभाग को दिए हैं। विभाग नुकसान के आकलन में जुटा हुआ है। नुकसान से हुई भरपाई के लिए मुआवजे का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। -राकेश पठानिया, विधायक, नूरपुर।