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बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की चेतावनी, तैनाती नहीं दी तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने कहा कि 205 पदों पर भर्ती व पदोन्नति नियमों के आधार पर सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की तैनाती नहीं की तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 09:21 PM (IST)
बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की चेतावनी, तैनाती नहीं दी तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से तैनाती की मांग की है। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने कहा कि 205 पदों पर भर्ती व पदोन्नति नियमों के आधार पर सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की तैनाती नहीं की तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। शुक्रवार को संघ की उपप्रधान सुदर्शना के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से राज्य सचिवालय शिमला में मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री से नियुक्ति की मांग की।

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सुदर्शना ने कहा कि प्रदेश में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संख्या करीब 6000 है। वे प्रशिक्षण के बाद भी घर बैठी हैं। उनके लिए भी कोई योजना बनाई जाए। सरकार नियमों के आधार पर अगर प्रशिक्षण प्राप्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तैनाती नहीं दे सकती है तो जगह-जगह खोले गए इन प्रशिक्षण संस्थानों को भी तत्काल बंद करें। 2018 में स्वास्थ्य विभाग के तहत 205 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पदों को भरने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स से आवेदन मांगें गए थे, लेकिन कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को ताक पर रख कर फीमेल हेल्थ वर्कर्स के साथ जीएनएम व बीएससी नर्सिंग की आवेदकों के आवेदनों को भी स्वीकार कर लिया। 15 सितंबर को घोषित परिणाम में 95 फीसद अभ्यर्थी जीएनएम व बीएससी नर्सिंग की ही उत्तीर्ण हुई हैं। जिस तरह पैरामेडिकल स्टाफ को 50 फीसद बैचवाइज रखा जा रहा है। उसी तरह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी 50 फीसदी बैचवाइज रखा जाए।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सीधी भर्ती से पदों को भरने का किया विरोध

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों के हुए तबादलों के अलावा सहायक कुलसचिव के पदों को पदोन्नति से भरने की मांग को लेकर धरना दिया गया। अब इन मांगों को लेकर कर्मचारी शनिवार को विभिन्न मांगों को लेकर कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान भी धरना देंगे। गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अलावा सभी पूर्व विश्वविद्यालय कोर्ट, कार्यकारिणी परिषद सदस्यों, विभिन्न संगठनों के पूर्व पदाधिकारियों व कर्मचारी सदस्यों की बैठक में यह मामला उठा था। बैठक समाप्त होने तक कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर धरना देने का निर्णय लिया है। गैरशिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि कर्मचारियों ने सहायक कुलसचिव के 10 पदों के सृजन का स्वागत किया है। साथ ही इन पदों को सीधी भर्ती से न भरकर प्रचलित भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने की मांग उठाई है।


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