बमाण में अंतिम धाम तक पहुंचाई वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह, किन्नौर के कारीगरों ने दो दिन बाद तैयार किया
Virbhadra Singh News पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा के लिए किन्नौर के कारीगरों ने नक्काशी कर दो दिनों में बमाण तैयार किया है। बमाण तैयार करने के लिए छह कारीगर लगातार दो दिन से काम पर लगे हुए थे।
शिमला, जेएनएन। Virbhadra Singh News, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा के लिए किन्नौर के कारीगरों ने नक्काशी कर दो दिनों में बमाण तैयार किया है। बमाण तैयार करने के लिए छह कारीगर लगातार दो दिन से काम पर लगे हुए थे। कारीगरों ने 12 मुखी बमाण तैयार किया है। किन्नौर के लोग ही पिछली कई सदियों से राज्यवार के लिए बमाण तैयार करते हैं। देवदार की लकड़ी से इसे बनाया जाता है और विशेष तौर पर नक्काशी कर इसे तैयार किया गया है। पहले रामपुर रियासत में हर खास के देहांत पर इसे तैयार किया जाता था। लेकिन समय के साथ अब यह रिवायत सिर्फ राजपरिवार में रह गई है। राज परिवार में ही किसी का देहांत होने पर उसे अंतिम यात्रा के लिए बमाण में ले जाया जाता है। बमाण शव को अंतिम धाम तक ले जाने के लिए तैयार किया जाता है।
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वीरभद्र सिंह ने 13 साल की उम्र में राज गद्दी संभाल ली थी। इससे पहले उनके पिता पदम सिंह के निधन पर भी इसी तरह की परंपरा का निर्वहन किया गया था। बमाण पर खासतौर पर नक्काशी कर इसे सजाया गया है। जिससे यह काफी आकर्षक दिख रहा है।