पूर्व आइएएस अधिकारी पर लगे आरोपों की विजिलेंस जांच जल्द
पूर्व आइएएस अधिकारी पर लगे धारा 118 की उल्लंघना के आरोपों की विजिलेंस जांच जल्द आरंभ होगी। प्रारंभिक जांच के दौरान तमाम दस्तावेज जांचे जाएंगे। राजस्व विभाग उपायुक्त कार्यालय शिमला से रिकार्ड कब्जे में लिया जाएगा। आरोप सही पाए गए तो जांच एजेंसी सरकार ने नियमित जांच की अनुमति मांगेगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। पूर्व आइएएस अधिकारी पर लगे धारा 118 की उल्लंघना के आरोपों की विजिलेंस जांच जल्द आरंभ होगी। प्रारंभिक जांच के दौरान तमाम दस्तावेज जांचे जाएंगे। राजस्व विभाग, उपायुक्त कार्यालय शिमला से रिकार्ड कब्जे में लिया जाएगा। अगर जांच के दौरान आरोप सही पाए गए तो जांच एजेंसी सरकार ने नियमित जांच की अनुमति मांगेगी। उधर, जिस पूर्व आला अधिकारी पर आरोप लगे हैं, उन्होंने भी शिकायतकर्ता के खिलाफ बेनामी सौदे के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय से लेकर आयकर विभाग तक शिकायत की है। सूत्रों के अनुसार ये आरोप जांच में सही साबित नहीं हुए हैं। विजिलेंस में शिकायत करने वालों का आरोप है कि पूर्व अधिकारी जानबूझ कर उन्हें तंग कर रहा है, ताकि धारा 118 से जुड़े मामले को दबाया जा सकें। उन्होंने इनके आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।
तलब किया जाएगा पूर्व अधिकारी
विजिलेंस आरोपों पर कुछ दिन में ही जांच आरंभ कर सकता है। सूत्रों के अनुसार पूर्व अधिकारी को जल्द ही शिमला तलब किया जाएगा। जांच में शामिल करने का नोटिस भेजा जाएगा।
क्या थी शर्त
मार्च 2007 में अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व ने पूर्व अधिकारी को गृह निर्माण के लिए भूमि खरीदने की अनुमति दी थी। इनमें निम्न शर्तें लगाई गई थी।
-यह अनुमति पत्र जारी होने के 180 दिनों तक मान्य, वैध होगी
-भूमि का प्रयोग उसी उद्देश्य के लिए दो वर्षों की अवधि के अंदर किया जाएगा, जिस उद्देश्य के लिए अनुमति दी गई हो, यदि भूमि का प्रयोग उसी उद्देश्य से निर्धारित अवधि के अंदर नहीं किया जाए तो फिर उस सूरत में भूमि सभी प्रकार से भारमुक्त होकर सरकार में निहित हो जाएगी।
-इस स्वीकृति के तहत क्रय की गई भूमि, भवन का क्रेता कृषक कहलाने का अधिकारी नहीं होगा और ऐसा व्यक्ति अकृषक ही रहेगा।
पूर्व अधिकारी बोले-लिटिगेशन के कारण नहीं हो पाया गृह निर्माण
उधर, पूर्व अधिकारी के अनुसार वह लिटिगेशन के कारण जमीन पर गृह निर्माण नहीं कर पाया, कहा कि दूसरा पक्ष सरकारी पदों का दुरूपयोग कर रहा है। उन्होंने ईडी व आयकर को शिकायत भेजने की पुष्टि की।