त्योहारी सीजन के बाद भी सातवें आसमान पर सब्जियों के दाम, थोक भाव भी 100 के पार Kangra News
Vegetables Rates Kangra त्योहारी सीजन बीत जाने के बाद भी महंगाई ने की मार ने दाल तथा खाद्य तेलों के बाद हरी सब्जियों को रसोई से दूर कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि कई सीजनल हरी सब्जियों के थोक भाव ही शतक पार कर चुके हैं।
ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। Vegetables Rates Kangra, त्योहारी सीजन बीत जाने के बाद भी महंगाई ने की मार ने दाल तथा खाद्य तेलों के बाद हरी सब्जियों को रसोई से दूर कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि कई सीजनल हरी सब्जियों के थोक भाव ही शतक पार कर चुके हैं। खाद्य दालों व तेलों की आसमान छू रही कीमतों में पिछले सप्ताह पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में कमी आने के बाद भाव गिरने की उम्मीदें जगी थीं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। उल्टा हरी सब्जियों की खरीदारी महंगी हो गई।
इन दिनों में सब्जियों के रेट किफायती होने के नाते लोग सीजनल सब्जियों को रसोई का हिस्सा बनाते थे, लेकिन इस समय सब्जियों के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने सब्जियों को दूर से ही देखकर स्वाद लेने को मजबूर कर दिया है। लोकल स्तर पर अभी पैदावार नहीं है और प्रदेश के बाहर से आने वाले सब्जियों के दाम भी प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
वीरवार को जवालामुखी में यह रहे हरी सब्जियों के थोक भाव
- सब्जी........थोक भाव.(प्रति किलो)......परचून (प्रति किलो)
- फ्रास्बीन......100................120
- शिमला मार्च.....90................120
- गाजर........45......................60
- मटर.........140....................160
- फूलगोभी.....60........................70
- बंद गोभी..40.......................50
- टमाटर......65.......................80
- मूली........30........................40
- हरी मिर्च..50..........................70
- खीरा.......45........................60
- अदरक....60.........................80
- हरा धनिया 150.......................180
क्या कहते हैं लोग
- गृहणी लता शर्मा का कहना है सब्जियों के दामों में कमी लाने के लिए प्रयास करने चाहिएं। ईंधन के दामों में उछाल से एक दम कीमतें बढ़ती हैं तो कम क्यों नहीं होती? इस समय जो सब्जियां 60 से 70 रुपय प्रति किलो मिलती थी वह सौ रुपये से ऊपर हैं।
- आरती शर्मा का कहना है सब्जियों के दामों में एकरूपता के लिए प्रशासनिक पहल होनी चाहिए। महंगाई चरम पर है। परंतु इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि आप किसी भी सब्जी की दुकान पर जाओ एक ही सब्जी के अलग अलग दाम होंगे।
- सुनीता शर्मा ने कहा प्रशासन को कीमतों में कमी तथा समानता लाने के लिए नियमित रेट लिस्टें चेक करनी चाहिएं। एक तो सब्जियों की थोक कीमतों में तेजी है दूसरा दुकानदारों द्वारा मनमाफिक दाम तय करने से ग्राहक को मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं।
- ज्योतिशंकर शर्मा का कहना है सब्जियों के दामों में गिरावट लाने के लिए प्रशासनिक पहल होनी चाहिए। समय समय पर दामों की जांच होनी चाहिए। यह चिंताजनक है कि एक ही सब्जी के दाम दो कदम आगे बढ़ते ही या तो कम हो जाते हैं। मतलब साफ है दामों से छेड़छाड़ होती है।
- आनंद भूषण सूद ने कहा महंगाई का सबसे बड़ा कारण सरकार या प्रशासन का मूल्यों पर नियंत्रण न होना भी है। हरे मटर की कीमतें इस समय अधिक से अधिक 60 से 70 रुपए प्रति किलो होती थीं वह अब 160 से 170 प्रति किलो बिक रहा है। हर कोई आम आदमी को अपने तरीके से लूट रहा है।
मनमानी पर होगी कार्रवाई
एसडीएम ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर का कहना है प्रशासन नियमित जांच सुनिश्चित करेगा। कहीं पर ग्राहक को लगे कि कहीं मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं तो लोग इसकी सूचना प्रशासन के पास भी दें। संबंधित विभाग को नियमित जांच के आदेश दिए जाएंगे।