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सरकार तक पहुंचाया जनता का दर्द, कोरोना संकट में 28 लोगों की टीम ने रिसीव की डेढ़ लाख कॉल

कोरोना संकट में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक टीम ऐसी हैं जो लोगों दर्द बहुत करीब से जान रही है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 08:52 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 08:52 AM (IST)
सरकार तक पहुंचाया जनता का दर्द, कोरोना संकट में 28 लोगों की टीम ने रिसीव की डेढ़ लाख कॉल
सरकार तक पहुंचाया जनता का दर्द, कोरोना संकट में 28 लोगों की टीम ने रिसीव की डेढ़ लाख कॉल

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। कोरोना संकट में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक टीम ऐसी हैं, जो लोगों दर्द बहुत करीब से जान रही है। हिमाचल प्रदेश में 28 लोगों की इस टीम ने 24 मार्च से अब तक डेढ़ लाख से अधिक लोगों की समस्याओं को फोन पर सुनने के बाद निवारण के लिए संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया। संकट की घड़ी में यह टीम लोगों के उम्मीद की किरण बन कर आई।

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इसी का नतीजा है कि राज्य सरकार के सभी विभाग त्वरित जानकारी मिलने के बाद कोरोना से जंग में सफल हो रहे हैं। चाहे मजदूरों को भोजन-पानी उपलब्ध करवाना हो या किसानों को खाद, बीज दिलवाने की। राज्य से बाहर फंसे लोगों की घर वापसी की जानकारी अधिकारियों को देने का काम भी इस टीम ने किया।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत बारह जिलों और राजधानी शिमला में स्थापित कंट्रोल रूम में काम करने वाली टीम मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा और जिला उपायुक्तों को हर जानकारी पहुंचाने का दायित्व निभा रही है।

प्रत्येक टीम सदस्य ने जिला से राज्य स्तर तक क्षमता से अधिक काम करने का प्रयास किया। शुरुआती दिनों में काम करना अधिक कठिन होता है। सरकार तक प्रत्येक जानकारी को तुरंत पहुंचाना सबसे जरूरी और उसपर कार्रवाई करवाना ही हमारा दायित्व रहता है। -प्रवीण भारद्वाज, राज्य आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ।

ऐसे समय में टीम के हर सदस्य का हौंसला बढ़ाना और काम के प्रति उत्साह बनाए रखना जरूरी होता है। आपसी तालमेल से अधिकारियों के साथ लगातार काम करते रहना ही हमारी जिम्मेदारी है। -विवेक शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार।

आपदा के दौरान जानकारी को दस्तावेज में संजोकर तैयार करना संभवत: सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। यदि जिलों से लेकर राज्यस्तर का डाटा एकत्र होगा तो कम समय में अधिक परिणाम लिए जा सकते हैं। हमने यही करने का प्रयास किया। -गरिमा शर्मा, आपदा प्रबंधन दस्तावेज समन्वयक।

ये है टीम

रितेश कुमार बिलासपुर,चंदन राठौर बिलासपुर, आशीष सेमवाल चंबा, सुमित गुप्ता चंबा, समीक्षा शर्मा हमीरपुर, विकास शर्मा हमीरपुर, भानु शर्मा कांगड़ा, रोविन कुमार कांगड़ा, शैलेंद्र चौहान किन्नौर, प्रीति नेगी किन्नौर, राकेश कुमार कुल्लू, प्रशांत दीप कुल्लू, अरशि खान लाहुल-स्पीति, नितिन शर्मा लाहुल-स्पीति, प्रदीप ठाकुर मंडी, विकास शर्मा मंडी, डॉ. नेहा शर्मा शिमला, नरेंद्र कैथ शिमला, राजन कुमार शर्मा सिरमौर, अरविंद्र चौहान सिरमौर, अपूर्वा मारिया सोलन, गौरव मेहता सोलन व धीरज कुमार ऊना।


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