हिमाचल: अस्पतालों में धूल फांक रहीं अल्ट्रासाउंड मशीनें, विभाग के पास नहीं रेडियोलाजिस्ट
Himachal Hospitals अव्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने वाला स्वास्थ्य विभाग एक बार भी चर्चा में आ गया है। हालात यह हैं कि जिले के पांच सिविल अस्पतालों में रेडियोलाजिस्ट की तैनाती न होने के कारण करोड़ों रुपये से खरीदी गई अल्ट्रासाउंड मशीनें धूल फांक रही हैं।
चंबा, संवाद सहयोगी। अव्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने वाला स्वास्थ्य विभाग एक बार भी चर्चा में आ गया है। हालात यह हैं कि जिले के पांच सिविल अस्पतालों में रेडियोलाजिस्ट की तैनाती न होने के कारण करोड़ों रुपये से खरीदी गई अल्ट्रासाउंड मशीनें धूल फांक रही हैं। विभाग ने मशीनों को कमरे में बंद कर रखा है, क्योंकि उन्हें चलाने वाला अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट तैनात नहीं है। विधानसभा सत्र के दौरान सरकार स्वास्थ्य विभाग से अस्पतालों में रेडियोलाजिस्ट के पदों का आंकड़ा तो मांगती है, लेकिन सत्र खत्म होने के बाद उन आंकड़ों को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई जाती।
चंबा जिले की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य जिलों की तुलना में भिन्न हैं। ज्यादातर लोग पहाड़ों और दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। उनकी सुविधा के लिए सरकार ने उपमंडल स्तर पर भले ही सिविल अस्पताल खोल रखे हों लेकिन इनमें सबसे जरूरी टेस्ट करने की सुविधा नहीं की गई है। मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए 50 से 60 किलोमीटर दूर मेडिकल कालेज चंबा या निजी लैबों में जाना पड़ रहा है। यहां कई बार मरीजों का नंबर नहीं लग पाता। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है क्योंकि अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें वाहनों में इतना लंबा सफर तय करना पड़ता है। उसके बाद लैब के बाहर भीड़ में धक्के खाने पड़ते हैं।
सरकारी अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड सहित अन्य सभी प्रकार के टेस्ट मुफ्त किए जाते हैं जबकि, निजी लैब में मरीजों से टेस्ट के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए कुछ निजी लैब संचालकों ने अल्ट्रासाउंड के रेट भी बढ़ा दिए हैं। इसको लेकर भी सरकार और स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर पा रहे हैं। कुछ दिन पहले भरमौर से अल्ट्रासाउंड के लिए चंबा आई एक गर्भवती महिला की वापसी में बीच रास्ते वाहन दुर्घटना में मौत हो गई। दुर्घटना में महिला के साथ उसका पति भी काल का ग्रास बन गया। अगर भरमौर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होती तो शायद महिला और उसका पति आज ङ्क्षजदा होते। यही हाल जिले के अन्य क्षेत्रों का भी है। सिविल अस्पताल किहार, तीसा, भरमौर, किलाड़ और चुवाड़ी में मशीनें होने के बावजूद मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहे हैं। लाखों की धनराशि खर्च कर लगाई गई मशीनों का मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
विभाग की ओर से कई बार सरकार को रेडियोलाजिस्ट की तैनाती करने को लेकर पत्राचार किया गया है। रेडियोलाजिस्ट की तैनाती सरकार की ओर से की जाएगी। रेडियोलाजिस्ट के अलावा अन्य कोई भी मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं कर सकता है।
डा. कपिल शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा।
प्रदेश सरकार द्वारा जिला में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। जहां तक रेडियोलाजिस्ट के रिक्त पदों का सवाल है, सरकार इन पदों को भरने का भरपूर प्रयास कर रही है। इस मामले का एक बार द्वारा फिर से स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।
हंस राज, विधानसभा उपाध्यक्ष।
प्रदेश सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही है जिसका खामियाजा अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में मिल गया है। जिला में भी सड़क व स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। मगर सरकार को इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सरकार द्वारा जल्द रिक्त पदों को नहीं भरा गया तो कांग्रेस पार्टी जनता के हित के लिए आंदोलन करने में भी कोई गुरेज नही करेंगी।
नीरज नैयर, जिला अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी चंबा।