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ज्वालामुखी अस्‍पताल में कोरोना काल में भी चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं, 10 महीने से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन

Jawalamukhi Hospital कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच जब लोगों को अपने घरों के नजदीक स्वास्थ्य सुविधाओं की सबसे अधिक जरूरत है ऐसे में अस्पतालों की व्यवस्थायें पूरी तरह हांफ गई हैं। प्रशंगवश संक्रमण के जोरदार खतरे के बीच भी लोगों को मजबूरन इधर उधर भागना पड़ रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 01:59 PM (IST)
ज्वालामुखी अस्‍पताल में कोरोना काल में भी चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं, 10 महीने से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन
सिविल अस्पताल जवालामुखी में पिछले 10 महीनों से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन ने लोगों का मर्ज बढ़ा दिया है।

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। Jawalamukhi Hospital, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच जब लोगों को अपने घरों के नजदीक स्वास्थ्य सुविधाओं की सबसे अधिक जरूरत है ऐसे में अस्पतालों की व्यवस्थायें पूरी तरह हांफ गई हैं। प्रशंगवश संक्रमण के जोरदार खतरे के बीच भी लोगों को मजबूरन इधर उधर भागना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल जवालामुखी में पिछले 10 महीनों से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन ने लोगों का मर्ज बढ़ा दिया है। पेट की बीमारियों से ग्रस्त या फिर गर्भवती महिलाओं को रूटीन अल्ट्रासाउंड के लिए कोविड-19 के खतरे के बीच भी विधानसभा क्षेत्र से बाहर जाकर इलाज के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं पेट की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी बेहद जरूरी अल्ट्रासाउंड के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि निजी अस्पतालों में भी अल्ट्रासाउंड के मरीजों को आसानी से डायग्नोस नहीं मिल रहा है।

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सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि जिस रोगी कल्याण समिति का गठन सरकार द्वारा अस्प्ताल की व्यवस्थाओं के लिए किया जाता है, उसकी अनुसंशा पर भी ना तो मशीन को बदला जा रहा है ना ही रिपेयर किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो खराब पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन पर चार से पांच लाख रुपये का खर्च है। अस्पताल प्रशासन इस बावत अपने तथा रोगी कल्याण समिति के माध्यम से सरकार तक कई बार पत्राचार कर चुका है। लेकिन नतीजा शून्य ही रहा है।

यहां बता दें कि चंगर तथा बलिहार क्षेत्र को मिलाकर इलाके की डेढ़ लाख के करीब की आवादी सिविल अस्पताल जवालामुखी पर ही निर्भर है। चंगर के अति दुर्गम क्षेत्रों के लोग कई कई किलोमीटर का सफर तय करके यहां स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। लेकिन सुविधाओं के आभाव में लोगों को जरूरी निदान नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र की 50 से भी अधिक ग्राम पंचायतों का इकलौता सिविल अस्पताल जिस स्थिति में है, उससे कहा जा सकता है कि यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं की अपेक्षा करना कोरी बेईमानी से अधिक कुछ नहीं है।

क्या कहते हैं लोग

नगर परिषद जवालामुखी के उपाध्यक्ष शिव कुमार गोस्वामी ने कहा यह सरकार तथा सथानीय विधायक की कमजोरियों का परिणाम है कि 10 महीने से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन ठीक नहीं हो सकी है। सरकार अस्पतालों में समस्त सुविधाओं का राग अलाप रही है। लेकिन सच्चाई यह कि तंत्र पूरी तरह हांफ चुका है। लोग परेशानियां झेल रहे हैं।

यह बोले विधायक

विधायक रमेश धवाला ने कहा कि अस्प्ताल में खराब अल्ट्रासाउंड मशीन की जानकारी है। मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से नई अल्ट्रासाउंड मशीन बारे बात की है। गायनी डॉक्टर समेत अन्य बेहद जरूरी पदों को भी जल्दी ही भरवाया जाएगा।


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