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कोविड की स्थिति और ऑनलाइन पढ़ाई से तनाव में न आएं विद्यार्थी, यूजीसी ने पत्र जारी कर दिए ये निर्देश

UGC Issued Letter कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए प्रदेश में शिक्षण संस्थान बंद हैं। छात्र घर पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। मोबाइल लैपटॉप पर सारा दिन छात्र व्यस्त रहते हैं। कर्फ्यू व अन्य तरह की बंदिशों में छात्र घरों में कैद होकर रह गए हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 06:45 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:28 AM (IST)
कोविड की स्थिति और ऑनलाइन पढ़ाई से तनाव में न आएं विद्यार्थी, यूजीसी ने पत्र जारी कर दिए ये निर्देश
यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में उचित कदम उठाने को कहा है।

शिमला, अनिल ठाकुर। UGC Issued Letter, कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए प्रदेश में शिक्षण संस्थान बंद हैं। छात्र घर पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। मोबाइल, लैपटॉप पर सारा दिन छात्र व्यस्त रहते हैं। कोरोना कर्फ्यू व अन्य तरह की बंदिशों के चलते छात्र घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। दिनभर मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ाई से बच्चों के मानसिक संतुलन पर विपरीत असर न पड़े इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेजों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में उचित कदम उठाने को कहा है।

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यूजीसी की तरफ से आए सर्कुलर में कहा गया है कि बच्चों का मानसिक संतुलन सही रहे, वे घर बैठे मानसिक तनाव का शिकार न हों, इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षक निभा सकते हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वह इस संबंध में अपने स्तर पर कार्य करें। बच्चों से संपर्क साधें, ताकि बच्चों और उनके परिवार का मानसिक स्वास्थ्य सही बना रहे।

कई बच्चे ऐसे भी होंगे जिनके माता पिता की जान कोविड के इस दौर में गई है, उनसे भी संपर्क साधें। ऐसे में बच्चों की मानसिक स्थिति पर विपरित असर पड़ा है। इन सब को ध्यान में रखते हुए शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से सही रखा जाए इस दिशा में पहल की जाए।

हेल्प डेस्क बनाने के दिए निर्देश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण संस्थान को टास्क फोर्स और हेल्प डेस्क बनाने की सलाह दी है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से बच्चे अपनी समस्याओं को शिक्षकों तक पहुंचा सकते हैं और शिक्षक भी उन्हें सही राय दे सकते हैं। इसके साथ ही को भी कोविड के प्रति अपने व्यवहार को बढ़ावा देना, जिसमें स्वच्छता, मास्क पहनना, साबुन से बार-बार हाथ धोना, सामाजिक दूरी को बनाए रखना, प्रशिक्षण करना, संदिग्ध मामलों का पता लगाना उचित उपचार कराना शामिल है इसमें शिक्षक और कर्मचारी अहम भूमिका निभा सकता है। यूजीसी ने अपने पत्र में कहा है कि एनएसएस और एनसीसी के वॉलंटियर की भी इस काम में मदद ली जा सकती है।

मोटिवेशनल लेक्‍चर करें शामिल

ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोटिवेशनल लेक्चर भी करवाएं। घर में रहते हुए सभी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।

प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी

निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि यूजीसी की तरफ से सर्कुलर आया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रधानाचार्यों को पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं।


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